महाराष्ट्र बॉक्सिंग असोसिएशन की नई कार्यकारिणी के अस्तित्व में आते ही बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। 1994 के बाद असोसिएशन के दो खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं की पदक तालिका में अपना नाम दर्ज कराया है। इसके साथ ही यह वर्ष इसलिए भी विशेष है कि, खिलाड़ियों के लिए असोसिएशन ने विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई, जिसका परिणाम पदक के रूप में प्राप्त हुआ है।
राज्य मुक्केबाजी के लिए स्वर्णिम क्षण लौट आया है। मुक्केबाज निखिल दुबे ने 71-75 किलोग्राम में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। जबकि रोनाल्ड जोसफ ने कांस्य पदक दिलाया है। इन दोनों खिलाड़ियों की सफलता के साथ ही पिछले 28 वर्षों से महाराष्ट्र मुक्केबाजी में पदक का पड़ा सूखा समाप्त हुआ और पदकों की बरसात हुई है।
खिलाड़ियों का अभिनंदन और सुविधाओं में होगा सुधार
मुक्केबाज निखिल दुबे और रोनॉल्ड जेसोफ द्वारा पदक प्राप्ति पर उन्हें शुभकामनाएं। महाराष्ट्र बॉक्सिंग असोसिएशन अपने खिलाड़ियों के साथ सदा खड़ी रही है और अब उन्हें दी जानेवाली सुविधाओं के स्तर में हम बड़े स्तर पर सुधार कर रहे हैं। जिससे खिलाड़ी और कोच का लक्ष्य मात्र मुक्केबाजी और स्पर्धाओं पर केंद्रित हो सके। इस स्पर्धा के बीच निखिल के कोच धनंजय तिवारी की दुर्घटना में असामयिक मौत बहुत दु:खद है। हम उनकी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करते हैं और इस दु:ख के क्षण में भी अपने खेल पर लक्ष्य केंद्रित करके महाराष्ट्र को स्वर्ण पदक दिलाने पर निखिल दुबे को एक बार फिर शुभकामना देता हूं।
रणजीत सावरकर- अध्यक्ष, महाराष्ट्र बॉक्सिंग असोसिएशन
गुरु को स्वर्ण पदक से दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रीय मुक्केबाजी स्पर्धा में निखिल दुबे जब खेल रहे थे, उसी बीच उनके कोच धनंजय तिवारी की सूरत में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। यह एक ऐसा क्षण था जब निखिल को मार्गदर्शन की सबसे अधिक आवश्यकता थी, परंतु निखिल ने अपने कोच की इच्छा को पूरा किया और स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
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खुशी के साथ कुछ गम भी मिले
राष्ट्रीय मुक्केबाजी स्पर्धा में महाराष्ट्र बॉक्सिंग असोसिएशन के मुक्केबाजों ने 1994 के बाद पदक जीता है। यह क्षण बहुत खुशी का है। इसमें महाराष्ट्र बॉक्सिंग असोसिएशन और महाराष्ट्र सरकार की अहम भूमिका रही है। इस राष्ट्रीय स्पर्धा के बीच हमें दुख भी मिले, हमारी एक मुक्केबाज का पैर फ्रैक्चर हो गया है, जबकि स्वर्ण पदक जीतनेवाले मुक्केबाज निखिल दुबे के कोच धनंजय तिवारी की दुर्घटना में मौत हो गई।
डॉ.राकेश तिवारी – महासचिव, महाराष्ट्र बॉक्सिंग असोसिएशन
असोसिएशन की पहल ने दिलाई विजयश्री
इस वर्ष की स्पर्धा में महाराष्ट्र बॉक्सिंग असोसिएशन ने विशेष तैयारी की थी। राष्ट्रीय प्रतियोगिता के पहले अकोला में कैम्प लगाया गया था। राज्य सरकार के साथ मिलकर खिलाड़ियों को उचित प्रशीक्षण दिया गया। राज्य के प्रत्येक हिस्से से खिलाड़ियों को इस कैम्प में सम्मिलित किया गया था। इसके साथ ही राज्य मुक्केबाजी के इतिहास में पहली बार खिलाड़ियों के आनेजाने की व्यवस्था हवाई जहाज से की गई थी।