मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने खेल नीति में सुधार करने का निर्णय किया है। इसके अनुसार राज्य में खेलों को प्रोत्साहन देने, खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में स्थान देने और पर्वतारोहण को खेलों में सम्मिलित करके पर्वतारोहियों को भी सुविधा देने का कार्य किया जाएगा।
राज्य के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलनेवाले खिलाड़ियों और पदक विजेताओं को प्रोत्साहित करने, उन्हें सहायता देने के लिए सरकार खेल नीति में बदलाव करने जा रही है। खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में सीधे शामिल किया जा सके इसके लिए नीति में सरकार व्यापक सुधार करेगी। जिससे खिलाड़ी निश्चिंत होकर खेलों पर लक्ष्य केंद्रित कर सकें।
पर्वतारोहण क्षेत्र अब तक खेलों से अछूता रहा था जिसके कारण इसे सरकारी मदद नहीं मिल पाती थी। पर्वतारोही अपने अभियानों के लिए अपनी जेब या निजी स्पॉन्सर पर आश्रित रहते हैं। लेकिन अब सरकार इस रोमांचक खेल को नई खेल नीति में शामिल करके परेशानियों को खत्म कर सकती है। इसके अलावा कुश्ती के क्षेत्र में महाराष्ट्र केसरी विजेता, शिवछत्रपति पुरस्कार विजेताओं को भी मदद पहुंचाने के लिए इस नई नीति में कोशिश की जाएगी।
मंत्रालय की बैठक में निर्णय
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में मंत्रालय में एक बैठक हुई जिसमें खेल राज्य मंत्री अदिति तटकरे, मुख्य सचिव संजीव कुमार, स्कूली शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव वंदना कृष्णा समेत संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। इस बैठक में खिलाड़ियों को सरकारी सेवा में शामिल किेये जाने को लेकर चर्चा की गई।
बता दें कि खेलों में राज्य का गौरव बढ़ानेवाले खिलाड़ियों को सरकारी सेवा में शामिल करने को लेकर 2010 में निर्णय हुआ था। अब पिछले दस वर्ष में इस निर्णय को लागू करने को लेकर हुई प्रगति का अध्ययन करके नई खेल नीति में निर्णय लिया जाएगा। नई खेल नीति में स्पर्धाओं में सम्मिलित होने के लिए खिलाड़ियों को सहायता देना, माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी करनेवाले पर्वतारोहियों, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड, गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करानेवाले खिलाड़ी, शिवछत्रपति पुरस्कार विजेता, महाराष्ट्र केसरी विजेताओं को भी सरकारी सेवा में लेने का अवसर
शामिल है।