सर्वोच्च न्यायालय ने ऑल इंडिया फुटबॉल एसोसिएशन (एआईएफएफ) का कामकाज संभालने का जिम्मा एसोसिएशन के महासचिव को दिया है। कोर्ट ने अपनी तरफ से नियुक्त प्रशासकों की कमेटी का काम पूरा हो जाने की बात कही है। सर्वोच्च न्यायालय ने 28 अगस्त को होने वाले चुनाव को एक हफ्ते के लिए आगे बढ़ा दिया है। कोर्ट ने एआईएफएफ के पूर्व पदाधिकारियों के कार्यकाल के दौरान हुई कथित गड़बड़ियों की फॉरेंसिक जांच कर रिपोर्ट केंद्र को सौंपने का निर्देश दिया है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
एआईएफएफ की सदस्यता निलंबित
दरअसल फीफा ने प्रशासकों की कमेटी की नियुक्ति को बाहरी दखल बताते हुए एआईएफएफ की सदस्यता निलंबित कर रखी है। इससे भारत में अंडर 17 महिला विश्वकप का आयोजन मुश्किल में पड़ गया है। सरकार ने फीफा से बात करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि प्रशासक कमेटी को हटा कर जल्द से जल्द चुनाव करवाया जाए। इससे ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन का निलंबन रद्द हो जाएगा।
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सर्वोच्च न्यायालय ने दिया था ये आदेश
सर्वोच्च न्यायालय ने 18 मई को एआईएफएफ का प्रशासन संभालने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाने का आदेश दिया था। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व जज जस्टिस अनिल आर दवे, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान रहे भास्कर गांगुली को इस कमेटी में शामिल किया था। प्रशासकों की इस कमेटी को नेशनल स्पोर्ट्स कोड के अनुरूप एआईएफएफ का संविधान तैयार करने में कोर्ट की मदद करने का आदेश दिया गया था।