विनेश फोगट (Vinesh Phogat) को 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris Olympics 2024) के लिए अयोग्य (Disqualified) घोषित कर दिया गया था। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था। विनेश के लिए न्याय (Justice) की मांग भी उठी थी। अयोग्य घोषित किए जाने के बाद विनेश फोगट और भारतीय ओलंपिक संघ (Indian Olympic Association) ने रजत पदक (Silver Medal) के लिए अपील की थी। इस मामले में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (Court of Arbitration for Sports) में अपील दायर की गई थी। अब भारत की ओर से देश के शीर्ष वकील हरीश साल्वे (Lawyer Harish Salve) यह केस लड़ेंगे।
हरीश सीएएस में विनेश फोगट और भारतीय ओलंपिक संघ का प्रतिनिधित्व करेंगे। शुक्रवार (9 अगस्त) को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स में इस मामले की सुनवाई होनी है। भारतीय समय के अनुसार यह सुनवाई दोपहर 12:30 बजे से होनी है। मामले का फैसला आज ही आने की उम्मीद है। अगर मामले में आगे सुनवाई की जरूरत पड़ी तो आगे की तारीख दी जा सकती है।
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हरीश साल्वे ने की पुष्टि
भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और किंग्स काउंसल हरीश साल्वे ने एएनआई से पुष्टि की कि उन्हें आईओए ने खेल पंचाट न्यायालय में फोगाट का प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया है।
अधिक वजन के कारण विनेश फोगाट बाहर
जहां एक तरफ देश को स्वर्ण पदक की उम्मीद थी, वहीं दूसरी तरफ खेल से बाहर होना देश और विनेश फोगाट के लिए किसी बड़े सदमे से कम नहीं है। अगर वजह की बात करें तो वह अधिक वजन के कारण फाइनल से बाहर हो गई हैं। विनेश फोगाट का वजन 100 ग्राम अधिक है। इसके कारण विनेश फोगाट कुश्ती का फाइनल मैच नहीं खेल पाएंगी।
विनेश फोगाट ने संन्यास लिया
पेरिस ओलंपिक के फाइनल से अयोग्य घोषित होने के बाद विनेश फोगाट ने गुरुवार को कुश्ती से संन्यास की घोषणा की। एक्स पर एक भावुक पोस्ट में फोगट ने हार और कृतज्ञता की भावना व्यक्त करते हुए कहा, “मां कुश्ती ने मुझे हरा दिया, मैं हार गई। मुझे माफ कर दो, तुम्हारा सपना और मेरी हिम्मत टूट गई। अब मुझमें और ताकत नहीं है। अलविदा कुश्ती 2001-2024। मैं हमेशा आप सभी की माफ़ी के लिए ऋणी रहूंगी।”
कुश्ती महासंघ ने संन्यास वापस लेने को कहा
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने विनेश फोगट से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए जवाब दिया। मीडिया से बात करते हुए, सिंह ने जोर देकर कहा कि फोगट की घोषणा जल्दबाजी में की गई लगती है और सुझाव दिया कि उन्हें भारत लौटने पर अपने परिवार, महासंघ और अन्य खेल अधिकारियों के साथ अपने संन्यास पर चर्चा करनी चाहिए।
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