नेता विपक्ष ने कहा पश्चिम बंगाल में है ‘आपातकाल’

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी के बीच तनातनी पुरानी है। जो सड़क से लेकर सदन तक देखी जा रही है। राज्य में राजनीतिक हत्याओं और हमलों का सिलसिला पूरी तरह से थमा नहीं है।

125

पश्चिम बंगाल विधानसभा में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के बीच गत सोमवार को हुई हाथापाई के बाद अनुशासन का डंडा चला है। विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने सालभर के लिए निलंबित पांच भाजपा विधायकों का भत्ता रोक दिया है। परंतु, इस प्रकरण में तृणमूल कांग्रेस के किसी नेता पर कार्रवाई नहीं हुई है।

इन पांच नेताओं पर प्रतिबंध
विधानसभा सचिवालय ने गुरुवार रात भाजपा के निलंबित विधायकों को इस संबंध में पत्र लिखकर जानकारी दी है। इनमें नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी भी शामिल हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने हाथापाई के बाद भाजपा सदस्य शुभेंदु अधिकारी, चीफ व्हिप मनोज टिग्गा, दीपक बर्मन, नरहरी महतो और शंकर घोष को निलंबित किया था। इन प्रतिबंधों में यह भी है कि नेता प्रतिपक्ष अब विधानसभा में आवंटित अपने कमरे में नहीं जा सकेंगे। विधानसभा लॉबी में प्रवेश करने का अधिकार नहीं होगा। पांचों विधायक स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में भी उपस्थित नहीं हो पाएंगे।

ये भी पढ़ें – महाराष्ट्र :CM को Home पसंद है

राजनीतिक इतिहास का काला दिन
यह पत्र मिलने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट कर विरोध जताया है। उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल में आपातकाल है। ममता बनर्जी सामने आने से डरती हैं। उन्होंने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सत्ता बल का दुरुपयोग कर विधानसभा से दूर रखने की शुरुआत की है।

सर्वोच्च न्यायालय जाएगी भाजपा
इस बारे में भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की है। उल्लेखनीय है इससे पहले महाराष्ट्र में भाजपा विधायकों के निलंबन को सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में असंवैधानिक करार दे चुका है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.