World Athletics Championships: नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए पहली बार जीता स्वर्ण

अब, भारत के पास विश्व चैंपियनशिप में सभी रंगों के पदक हैं। पिछले साल रजत पदक हासिल करने के बाद विश्व चैंपियनशिप में यह नीरज का दूसरा पदक है। उनके दो पदकों से पहले, भारत की आखिरी पदक विजेता 2003 विश्व चैंपियनशिप में अंजू बॉबी जॉर्ज थीं

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भारत (India) के ओलंपिक पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने सोमवार तड़के इतिहास रचते हुए बुडापेस्ट (Budapest) में चल रहे विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप (World Athletics Championships) में अपने देश के लिए पहला स्वर्ण पदक (gold medal) जीता। उन्होंने पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में पाकिस्तान के अरशद नदीम को एक मीटर से भी कम अंतर से हरा दिया।

अंत तक बढ़त बनाये रखे नीरज
नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 88.17 मीटर का अपना सर्वश्रेष्ठ थ्रो दर्ज किया और अंत तक अपनी बढ़त बरकरार रखने में सफल रहे। 87.82 मीटर के साथ राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन नदीम को रजत पदक मिला। चेक गणराज्य के जैकब वाडलेज्च ने 86.67 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ कांस्य पदक हासिल किया। किशोर जेना (सर्वश्रेष्ठ 84.77 मीटर) पांचवें स्थान पर रहे, जबकि डीपी मनु (सर्वश्रेष्ठ 84.14 मीटर) छठे स्थान पर रहे।

विश्व चैंपियनशिप में भारत के पास सभी रंगों के पदक
अब, भारत के पास विश्व चैंपियनशिप में सभी रंगों के पदक हैं। पिछले साल रजत पदक हासिल करने के बाद विश्व चैंपियनशिप में यह नीरज का दूसरा पदक है। उनके दो पदकों से पहले, भारत की आखिरी पदक विजेता 2003 विश्व चैंपियनशिप में अंजू बॉबी जॉर्ज थीं, जिन्होंने महिलाओं की लंबी कूद में कांस्य पदक जीता था। पहले दौर के प्रयासों में फिनलैंड के ओलिवर हेलैंडर ने 83.38 मीटर के थ्रो के साथ बढ़त बना ली। नीरज चोपड़ा का पहला थ्रो फाउल था, जिससे उन्हें ऐसी शुरुआत मिली जो वह नहीं चाहते थे। किशोर जेना और डीपी मनु का पहला थ्रो क्रमशः 75.70 मीटर और 78.44 था।

भारत के लिए रचा इतिहास
दूसरे दौर के प्रयासों में चेक गणराज्य के जैकब वाडलेज्च ने 84.18 मीटर के थ्रो के साथ शुरुआत की। हालाँकि, नीरज ने खराब शुरुआत से उबरते हुए 88.17 मीटर के जबरदस्त थ्रो के साथ बढ़त बना ली। मनु का दूसरा प्रयास फाउल रहा। जेना का दूसरा थ्रो 82.82 मीटर का था और वह उन्हें पांचवें स्थान पर ले गया। दूसरे दौर के प्रयासों के बाद नीरज 88.17 मीटर के साथ शीर्ष पर रहे। इस तरह, नदीम को रजत पदक से संतोष करना पड़ा और नीरज ने भारत के लिए पहली बार विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

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