भारत की जी-20( G-20 Group of Trade and Investment Minister) अध्यक्षता के तहत व्यापार और निवेश मंत्रालयी बैठक 24 अगस्त से जयपुर में होगी। बैठक में भाग लेने के लिए जी-20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों के व्यापार मंत्रियों एवं सचिवों, क्षेत्रीय समूहों एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों सहित अन्य प्रतिनिधि जयपुर पहुंचे हैं।
कई देश लेंगे हिस्सा
बैठक में विशेष रूप से अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, कनाडा, इंडोनेशिया, जापान, यूरोपीय संघ, कोरिया गणराज्य, तुर्किये, सऊदी अरब, फ्रांस, बांग्लादेश, मिस्र, नीदरलैंड, ओमान, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात के व्यापार मंत्री भाग लेंगे। बैठक की अध्यक्षता वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल करेंगे।
प्रधानमंत्री का एक वीडियो संदेश प्रसारित किया जाएगा
उद्घाटन सत्र में सुबह 9 बजे प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi)का एक वीडियो संदेश प्रसारित किया जाएगा, जो वैश्विक व्यापार और निवेश मुद्दों पर सार्थक चर्चा के लिए मंच तैयार करेगा। इसके बाद मंत्रीगण तीन सत्रों में वैश्विक व्यापार और निवेश संबंधित मुद्दों पर आम सहमति बनाने के मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे, जिसमें वैश्विक विकास और समृद्धि के लिए बहुपक्षीय व्यापार, समावेशी और लचीले व्यापार और कागज रहित व्यापार के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे विश्व को एक नई सोच दी
इससे पहले 23 अगस्त केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जी-20 व्यापार एवं निवेश मंत्रालयी बैठक के संबंध में पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे विश्व को एक नई सोच दी है। इस नई सोच के साथ जी-20 की भारत के 60 शहरों में 200 से ज्यादा बैठकें हुई हैं, ऐसा विश्व के किसी देश में पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत में आगामी 8-9 सितंबर को वर्ल्ड लीडर समिट होने जा रही है। इस पर भी पूरे विश्व की निगाहें टिकी हुई है।
उन्होंने कहा कि जी-20 के सदस्यों को उद्योगों, एमएसएमई एवं वैश्विक व्यापार के प्रोत्साहन के लिए ‘जयपुर कार्ययोजना’ पर सहमति बनने का इंतजार है। हम सदस्य देशों के बीच महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति बनाने में सफल रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि अगले दो दिनों में हम एक ऐसे एजेंडा के साथ सामने आ पाएंगे जिसे अमल में लाया जा सके। इससे दुनिया को किसी भी भावी संकटों का सामना करने में मदद मिलेगी।उन्होंने कहा कि जयपुर कार्य योजना से उद्योग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा और वैश्विक व्यापार में सुधार होगा। इससे एमएसएमई को अपने कारोबार एवं व्यापार का विस्तार करने में भी मदद मिलेगी।
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जयपुर में जी-20 की बैठक में पांच मुख्य प्राथमिकताएं है
केन्द्रीय मंत्री गोयल ने जी-20 समूह की बैठक के बारे जानकारी देते हुए कहा कि संबंधित देशों के अधिकारी प्राथमिकता वाले बिंदुओं पर आम सहमति बनाने और एक दस्तावेज तैयार करने की कोशिश में लगे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जयपुर में जी-20 की बैठक में पांच मुख्य प्राथमिकताएं है। पहली यह कि देशों में व्यापार की ग्रोथ के लिए आयात-निर्यात कैसे बढ़ें। दूसरा, ग्लोबल सप्लाई चेन कैसे मजबूत हो। तीसरा यह कि लघु और सूक्ष्म उद्योग कैसे आगे बढ़े। चौथा, व्यापार के लिए लॉजस्टिग कैसे मजूबत हो। पांचवां, विश्व व्यापार संगठन में कैसे रिफॉर्म हो। पहली तीन टीआईडब्ल्यूजी बैठकें क्रमशः मुंबई, बेंगलुरू एवं केवाडिया में आयोजित की गई थी।