वीर सावरकर के मार्गदर्शन में निर्मित मंदिर को तोड़ने का षड्यंत्र, मंदिर बचाओ समिति का आरोप

मुंबई के माहिम स्थित मंदिर में श्री दत्त महाराज,गणेश, हनुमान, महादेव- देवी पार्वती और काल भैरव आदि हिंदुओं की आस्था के केंद्र देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। इस मंदिर को तोड़ने का षड्यंत्र रचे जाने का आरोप मंदिर बचाओ समिति ने लगाया है।

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मुंबई के माहिम टीएच कटारिया रोड पर स्थित वर्षों पुराने और ऐतिहासिक श्री दत्त मंदिर को तोड़ने के षड्यंत्र का पर्दाफाश होने के बाद मंदिर बचाओ समिति चौकस हो गई है। समिति ने इस षड्यंत्र का विरोध करने का निर्णय लिया है। मंदिर बचाओ समिति के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 1932 में किया गया था।

इस मंदिर का निर्माण 1932 में दानवीर भागोजी कीर ने कराया था। श्री दत्त मंदिर का निर्माण स्वातंत्र्यवीर सावरकर के मार्गदर्शन में किया गया था। वीर सावरकर ने इससे पहले अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए हिंदुओं को एकजुट करने के उद्देश्य से रत्नागिरी में पतित पावन मंदिर का निर्माण कराया था।

मंदिर में श्री दत्त भगवान के साथ ही अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां
मुंबई के माहिम स्थित मंदिर में श्री दत्त महाराज,गणेश, हनुमान, महादेव- देवी पार्वती और काल भैरव आदि हिंदुओं की आस्था के केंद्र देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। इस मंदिर के पास स्थित गुलर का पुराना वृक्ष भी भक्तों की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर और यहां कि मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा नाग देवता के उपासक संत पासलगांवकर ने कराई थी।

मंदिर बचाओ समिति का आरोप
मंदिर बचाओ समिति के सदस्य प्रशांत पाल, कल्पेश वराडकर, राजू चौबे, राज दुदवडकर और नितिन येंडे ने बतायाा कि श्री दत्त मंदिर का निर्माता भागोजी कीर के पोते और ट्रस्टी अंकुर कीर ने मंदिर के ट्रस्ट में शेट्टी परिवार को भी शामिल किया है। जब से यह परिवार ट्र्स्ट में शामिल किया गया है, तब से इस मंदिर पर अधिकार जमाने का प्रयास शुरू है।

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शेट्टी परिवार कर रहा है मंदिर पर कब्जा का षड्यंत्र
इन सदस्यों का आरोप है कि इससे थोड़ी दूरी पर शेट्टी परिवार का एक होटल है। उस होटल के विस्तार में इस मंदिर के परिसर को भी शामिल कर इस पर कब्जा जमाने का षड्यंत्र किया जा रहा है। मंदिर बचाओ समिति के सदस्यों ने बताया कि मंदिर में होने वाले पालकी प्रदक्षिणा पर भी रोक लगा दी गई है। यहां तक कि मंदिर के परिसर में निर्मित महिलाओं के शौचालय में भी तोड़फोड़ की गई है।

2020 में जारी किया गया था तोड़ने का नोटिस
बता दें कि 2020 में मुंबई महानगरपालिका की ओर से इस दत्त मंदिर को तोड़ने का नोटिस जारी किया गया था। तब मंदिर की इमारत को सी-1 की श्रेणी में रखा गया था, लेकिन जांच में पाया गया कि मंदिर की स्थिति अच्छी है और इसे तोड़े जाने की कोई जरुरत नहीं है। स्थानीय लोगों को जब इस मंदिर को तोड़े जाने की साजिश के बारे में पता चला, तब उन्होंने विशाल मोर्चा निकालकर इसका विरोध किया। तब स्थानीय शिवसेना विधायक( शिंदे गुट) सदा सरवणकर ने इस पुरातन और ऐतिहासिक मंदिर की रक्षा का आश्वासन दिया था, लेकिन अब वे अपने वादे से मुकरते हुए दिख रहे हैं।

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