बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान मोचा बेहद खतरनाक हो सकता है। मौसम विभाग ने आशंका जाहिर की है कि चक्रवात के प्रभाव से 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं तटीय क्षेत्रों में चल सकती हैं, जिसकी वजह से जानमाल के भारी नुकसान होने की आशंका है। 10 मई को शाम के समय चक्रवात के तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ने की संभावना है। 14 और 15 मई को इसकी रफ्तार करीब 150 किलोमीटर प्रति घंटे होगी और बांग्लादेश-म्यांमार होते हुए तटीय क्षेत्रों से गुजरेगा।
इसका प्रभाव पश्चिम बंगाल के साथ ही दिल्ली और पटना और देश के अन्य शहरों में भी देखने को मिल रहा है। कई शहरों में पारा चढ़ने से गर्मी बढ़ गई है। पटना में तो तापमान 40 डिग्री पर पहुंच गया है।
मौसम विभाग ने दी जानकारी
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 12 और 13 मई को पश्चिम बंगाल के समुद्र तटीय क्षेत्रों, जिनमें कोलकाता के अलावा हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर शामिल हैं, वहां शाम के समय से तेज आंधी तूफान के साथ बारिश होगी। गुरुवार को यह चक्रवात और शक्तिशाली हो जाएगा और बारिश बढ़ जाएगी। हालांकि मौसम विभाग ने इस बात की आशंका जाहिर की है इसका सर्वाधिक प्रभाव बांग्लादेश और म्यांमार पर पड़ सकता है। बंगाल अथवा अन्य तटीय राज्यों आंध्र प्रदेश और ओडिशा में बहुत अधिक नुकसान नहीं होगा।
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चक्रवात मोचा का तापमान पर असर
इधर, जैसे-जैसे चक्रवात मोचा समुद्र तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ रहा है, पारा भी चढ़ने लगा है। 9 मई को कोलकाता में अधिकतम तापमान 38.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा है, जबकि 10 मई को न्यूनतम तापमान 29.1 डिग्री सेल्सियस है, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक है। इसकी वजह से उमस भरी गर्मी का एहसास भी लोगों को हो रहा है क्योंकि आसमान में बादल छाए हुए हैं और गर्म हवाएं ऊपर नहीं उठ पा रही हैं।