झारखंड के देवघर में हुई रोपवे दुर्घटना में लोगों को बचाने का कार्य 40 घंटे बाद भी चलता रहा है। त्रिकुट पहाड़ियों पर सेना, आपा प्रबंधन और राज्य की सुरक्षा एजेंसिया राहत व बचाव कार्य में लगी हुई हैं। इस बीच राज्य सरकार की कमियों को लेकर विपक्ष ने हमला करना शुरू कर दिया है।
भारतीय वायुसेना, थलसेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, एनडीआरएफ के साथ स्थानीय प्रशासन त्रिकुट पहाड़ियों के दुर्घटनाग्रस्त रोपवे से लोगों को निकालने की व्यवस्था कर रहे हैं। इस दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, ट्रॉली में कुल 48 लोग सवार थे। जिनमें छोटे बच्चे और महिलाओं का भी समावेश है। मंगलवार की सुबह सेना और अन्य राहत व बचाव दल ने एमआई17 हेलीकॉप्टर से बचाव कार्य शुरू किया था।
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दुर्घटना में बचा फिर भी हो गई दर्दनाक मौत
रोपवे की ट्रॉली में एक युवक की दर्दनाक मौत हुई है। वह जब रोपवे से हेलीकॉप्टर में जा रहा था, इस बीच उसका नियंत्रण छूट गया और पहाड़ियों में जा गिरा। इस दुर्घटना में युवक की दर्दनाक मौत हो गई।
अहले सुबह से अब तक त्रिकुट पर्वत पर रोपवे में फसे हुए 10 लोगों को एयरफोर्स, इंडियन आर्मी, एनडीआरएफ, आईटीबीपी एवं स्थानीय प्रशासन की टीम द्वारा रेस्क्यू किया जा चुका हैं।@HemantSorenJMM @mbhajantri @prdjharkhand pic.twitter.com/sy4t8ZuiwG
— DC Deoghar (@DCDeoghar) April 12, 2022
सरकार पर हमला
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि, झारखंड की निकम्मी सरकार के कारण हवा में लोग लटक रहे हैं। दुर्घटना के घंटों बीतने के बाद भी सरकार की ओर से मंत्री व नेता नहीं पहुंचे थे। राज्य सरकार ने लोगों की जान की चिंता नहीं की। तत्काल निर्णय न लेने के कारण यात्री हवा में लटके रहे। जब मीडिया को देखा तो दबाव में सेना को बुलाया गया है।