नई दिल्ली में आज केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक आयोजित हुई। अध्यक्षता करते केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने कहा कि महात्मा गांधी जी ने सही बात कही थी कि राष्ट्रीय व्यवहार में हिंदी को काम में लाना देश की उन्नति के लिए आवश्यक है। इसके लिए महात्मा गांधी ने जो सपना देखा था सचमुच अगर इस विचार को हम आगे बढ़ा सकें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को पूरा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आप अपनी क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग करें पर राजभाषा को भी सम्मान दें। सरकारी कामकाज में हम सभी राजभाषा का प्रयोग करें। आइए हम सभी हिंदी को एक ऐसी भाषा के रूप में उपयोग करें जो हमारे राष्ट्रीय चरित्र को आकार देने में हमारी मदद करे।
हिंदी का प्रयोग संवैधानिक जिम्मेदारीः डॉ.भारती
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ.भारती प्रवीण पवार ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद का कथन साझा किया की जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता” डॉ. पवार ने कहा कि जब हम अपने सरकारी कामकाज में हिंदी का उपयोग करते हैं उस समय हम अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को भी निभा रहे होते हैं जिसकी संकल्पना हमारे संविधान बनाने वालों ने भी की थी। डॉ. पवार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांड़विया का आभार प्रकट किया कि उनकी सभी बैठकें हिंदी में ही संचालित होती हैं I
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने राम मनोहर लोहिया के कथन का जिक्र करते हुए कहा कि लोक भाषा, लोक भूषा, लोक भोजन और लोक संस्कृति का सिद्धांत ही प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को आत्मनिर्भर बनाने के सपने को साकार कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमें अनुवाद करते समय हिंदी को सरल और स्पष्ट तरीके से कहना चाहिए और क्लिष्ट शब्दों से बचना चाहिए, जिससे हिंदी को अपनाने की सहजता बढ़े। इससे इसकी व्यापकता में बढ़ोतरी होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय
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