मानव तस्करी के मामले में एनआईए ने बुधवार को देश के दस राज्यों में छापेमारी कर 44 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये छापेमारी त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक , तमिलनाडु , तेलंगाना , हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर तथा पुडुचेरी में चल रहे मानव तस्करी नेटवर्क के सिलसिले में की गई। बताया गया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और राज्य पुलिस बलों के साथ निकट समन्वय में आज यह व्यापक अभियान चलाया ।
इस दौरान दौरान गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर में एनआईए शाखाओं में मानव तस्करी के 4 मामले दर्ज कर दस राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 55 स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर तलाशी ली। इन राज्यों से मानव तस्करी के 4 मामलों में 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया। तलाशी के दौरान डिजिटल उपकरण, दस्तावेज के साथ भारतीय व विदेशी मुद्रा भी बरामद की गई।
कुल 44 लोग गिरफ्तार
8 नवंबर के आपरेशन के दौरान एनआईए ने कुल 44 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। इनमें त्रिपुरा से 21, कर्नाटक से 10, असम से 5, पश्चिम बंगाल से तीन, तमिलनाडु से दो, पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा से एक एक गिरफ्तारी हुई है। एनआईए के मुताबिक गिरफ्तार आरोपतों को संबंधित क्षेत्राधिकार वाली अदालतों के समक्ष पेश किया जाएगा।
आतपत्तिजनक सामग्री बरामद
एनआईए ने डिजिटल उपकरण में मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव के साथ 20 लाख रुपये से अधिक की भारतीय मुद्रा और 4550 यूएस डालर विदेशी मुद्रा भी बरामद की है। इसके अलावा आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित बड़ी संख्या में पहचान संबंधी दस्तावेज बरामद किए है, जिनके जाली होने का संदेह है।
इस मामले में एनआईए की जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे।
इन जांच निष्कर्षों के के बाद एनआईए ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए तीन नए मामले दर्ज किए। इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और भारत में बसने में शामिल अवैध मानव तस्करी सहायता नेटवर्क को खत्म करना था।
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प्रारंभिक मामला 9 सितंबर, 2023 काे असम पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) द्वारा दर्ज किया गया था। यह भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और पुनर्वास के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था, जिसमें रोहिंग्या मूल के लोग भी शामिल हैं।
नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक है फैला
इस नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं। मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों और इसकी जटिलता को पहचानते हुए एनआईए ने गुवाहाटी स्थित एनआईए पुलिस स्टेशन में 6 अगस्त, 2023 को मामला दर्ज कर औपचारिक रूप से जांच का कार्यभार संभाला था।