ब्रिटेन में चल रहे द्विपक्षीय अभ्यास ‘अजेय वॉरियर’(Ajeya Worrier) के दौरान भारत और ब्रिटिश सेना के जवानों ने विभिन्न सामरिक अभ्यासों में एक-दूसरे से संयुक्त प्रशिक्षण हासिल किया। ‘अजेय वॉरियर’(Ajeya Worrier) युद्धाभ्यास का उद्देश्य सकारात्मक सैन्य संबंधों का निर्माण, एक-दूसरे की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को अपनाना और संयुक्त राष्ट्र शासनादेश के तहत शहरी और अर्ध-शहरी माहौल में एक साथ काम करने की क्षमता को बढ़ावा देना है।
‘अजेय वॉरियर’(Ajeya Worrier) की विशेषता
भारत और ब्रिटेन के बीच संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास ‘अजेय वॉरियर-2023’ का 7वां संस्करण 27 अप्रैल से शुरू हुआ था, जो 11 मई तक सैलिसबरी मैदान में चलेगा। ‘अजेय वॉरियर’(Ajeya Worrier) का द्विवार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम यूनाइटेड किंगडम और भारत में वैकल्पिक रूप से आयोजित किया जाता है। इस अभ्यास का पिछला संस्करण अक्टूबर, 2021 में उत्तराखंड के चौबटिया में हुआ था। इस सैन्य अभ्यास में यूनाइटेड किंगडम से सेकेंड रॉयल गोरखा राइफल्स के सैनिक और भारतीय सेना की बिहार रेजिमेंट के सैनिक भाग ले रहे हैं।
उद्देश्य
भारतीय सेना की टुकड़ी वायु सेना के सी-17 विमान से 26 अप्रैल को स्वदेशी हथियारों और उपकरणों के साथ ब्रीज नॉर्टन पहुंची थी। अजेय वॉरियर युद्धाभ्यास अभ्यास का उद्देश्य सकारात्मक सैन्य संबंधों के निर्माण के साथ दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन, भाईचारा और मैत्रीपूर्ण संबंधों को विकसित करना भी है।
ये भी पढ़ें – पोस्टर लगाने से कोई मुख्यमंत्री नहीं बन जाता: सीएम शिंदे
युद्धाभ्यास में क्या है?
अजेय वॉरियर अभ्यास के दायरे में बटालियन स्तर पर कमांड पोस्ट अभ्यास (सीपीएक्स) और कंपनी स्तर पर क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास (एफटीएक्स) करना शामिल है। युद्धाभ्यास के दौरान प्रतिभागी विभिन्न सिम्युलेटेड स्थितियों में अपने परिचालन कौशल का परीक्षण करने वाले विभिन्न मिशन में भाग ले रहे हैं। इसके अलावा वे अपने सामरिक अभ्यासों का प्रदर्शन कर एक-दूसरे के परिचालन अनुभव से जानकारी हासिल करेंगे। यह युद्धाभ्यास भारतीय सेना और ब्रिटिश सेना के बीच रक्षा सहयोग में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक बढ़ावा देगा।