खास से लेकर आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी समान नागरिक संहिता को लेकर कानून व व्यवस्था मामलों की संसदीय समिति की बैठक हुई। 17 सदस्यों की उपस्थिति में हुई बैठक की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने की। प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा नेताओं ने यूसीसी का समर्थन किया है। वहीं कांग्रेस और डीएमके समेत ज्यादातर विपक्षी दलों ने आम चुनाव के मद्देनजर यूसीसी को लेकर सरकार की टाइमिंग पर सवाल उठाए। विपक्षी नेताओं ने यूसीसी को अगले साल होने वाली लोकसभा चुनाव से जोड़ा है।
शिवसेना और बीएसपी ने यूसीसी का विरोध नहीं किया। लेकिन दोनों पार्टियों का कहना था कि आम चुनाव को ध्यान में रखकर यूसीसी को नहीं लाया जाना चाहिए। कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा और डीएमके सांसद पी विल्सन ने बैठक में लिखित बयान पेश किए। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि सरकार को यूसीसी लागू करने के नतीजों पर बार-बार विचार कर लेना चाहिए। केसीआर की पार्टी टीआरएस ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन किया है। आम आदमी पार्टी ने भी यूसीसी का समर्थन किया है। मीटिंग में डिटेल सुझाव रिपोर्ट पेश किए गए. शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने न तो यूसीसी का समर्थन किया है और न ही सपोर्ट किया है यानी वो न्यूट्रल है।
समान नागरिक संहिता में नागरिकों के लिए व्यक्तिगत कानून बनाने और लागू करने का प्रस्ताव है जो सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होगा चाहे उनका धर्म और लिंग कुछ भी हो। वर्तमान में विभिन्न समुदायों के व्यक्तिगत कानून उनके धार्मिक ग्रंथों द्वारा शासित होते हैं। पिछले महीने की 14 तारीख को भारत के विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता के संबंध में लोगों और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों से राय मांगी थी। लोग इस महीने की 14 तारीख तक अपने विचार भेज सकते हैं।
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