रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force) को रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र और यात्रियों की संरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते (Operation Nanhe Farishtey) के तहत बच्चों (Children) को बचाने की जिम्मेदारी भी निभा रही है। मध्य रेल (Central Railway) के रेलवे सुरक्षा बल ने मई 2023 के महीने में यानी “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” के तहत मध्य रेल के रेलवे स्टेशन प्लेटफार्मों से सरकारी रेलवे पुलिस (Government Railway Police) और अन्य फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारियों (Frontline Railway Employees) के समन्वय से 163 बच्चों को बचाया है।
बचाए गए इन 163 बच्चों में 133 लड़के और 30 लड़कियां शामिल हैं और चाइल्डलाइन जैसे एनजीओ की मदद से उन्हें उनके माता-पिता से मिला दिया गया है।
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मंडलवार विवरण इस प्रकार है
1) मुंबई मंडल – 34 बच्चे (23 लड़के और 11 लड़कियां)
2) भुसावल मंडल- 78 बच्चे (70 लड़के और 8 लड़कियां)
3) नागपुर मंडल – 14 बच्चे (5 लड़के और 9 लड़कियां)
4) सोलापुर मंडल- 4 बच्चे (2 लड़के और 2 लड़कियां)
5) पुणे मंडल- 33 बच्चे (33 लड़के)
जो बच्चे अपने परिवार को बताए बिना रेलवे स्टेशन पर आते हैं, किसी लड़ाई या पारिवारिक मुद्दों के कारण या बेहतर जीवन या शहर के ग्लैमर आदि की तलाश में प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मियों द्वारा ढूंढे जाते हैं। ये प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मी बच्चों से जुड़ते हैं, उनकी समस्याओं को समझते हैं और उन्हें उनके माता-पिता से मिलाने की सलाह देते हैं। कई माता-पिता रेलवे की इस नेक सेवा के लिए आभार व्यक्त करते हैं।
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