Assembly elections: सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने एनसीपी अजीत पवार गुट(NCP Ajit Pawar faction) को आगामी महाराष्ट्र चुनावों(Upcoming Maharashtra Elections) के लिए ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न(‘Clock’ election symbol) का उपयोग करने की अनुमति दी है लेकिन कोर्ट ने कहा “अपने सभी पोस्टरों में यह स्पष्ट करें कि घड़ी के चिह्न पर अदालत में विवाद चल रहा है और मामला विचाराधीन है।” जस्टिस सूर्यकांत(Justice Suryakant) की अध्यक्षता वाली बेंच ने अजीत गुट से हलफनामा देने को कहा कि वह घड़ी चिह्न के साथ ‘मामला न्यायालय में विचाराधीन’ का डिस्क्लेमर लगा रहे हैं।
लोग धोखे से अजीत पवार को समझ लेंगे शरद पवारः सिंघवी
सुनवाई के दौरान शरद पवार गुट की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अजीत पवार गुट को मौजूदा विधानसभा चुनावों के लिए नए चुनाव चिह्न आवंटित करने के लिए हम चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग कर रहे हैं। तब कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर हमने पहले ही फैसला कर लिया है, तो अब क्या आप समीक्षा की मांग कर रहे हैं। तब सिंघवी ने कहा कि एनसीपी के संस्थापक शरद पवार हैं। यह बात सभी कहते हैं। घड़ी सिंबल इस समय अजीत पवार गुट के पास है और लोग धोखे में अजीत पवार को शरद पवार समझ कर वोट दे देंगे।
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सिंघवी की दलील मानने से इनकार
सिंघवी ने दलील दी कि हम चाहते हैं कि अभी आप घड़ी का निशान एनसीपी के किसी भी गुट को आवंटित न करने का निर्देश चुनाव आयोग को दें। अभी ना ही हमारे गुट को और ना ही अजित पवार गुट को घड़ी चुनाव चिह्न आवंटित किया जाए। दोनों गुट को इससे अलग चुनाव चिह्न दिए जाएं। उन्होंने लाडली बहना योजना का पोस्टर दिखाते हुए कहा कि इसमें घड़ी निशान तो है लेकिन वहां कोई डिस्क्लेमर नहीं है। तब कोर्ट ने अजीत पवार गुट को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट मे नया हलफनामा दाखिल करें और बताएं कि वो सुप्रीम कोर्ट के 19 मार्च के आदेश के मुताबिक डिस्क्लेमर लगाएंगे। कोर्ट ने कहा कि हर हाल में डिस्क्लेमर के आदेश का पालन होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट 6 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा।