मुंबई (Mumbai) के 26/11 हमलों (26/11 Attacks) के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) को गुरुवार (10 अप्रैल) की शाम भारत लाया गया। तहव्वुर राणा को पालम एयरपोर्ट (Palam Airport) से सीधे दिल्ली के एनआईए मुख्यालय (NIA Headquarters) लाया गया और उसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) में पेस किया गया। कोर्ट ने मास्टरमाइंड राणा को 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया है।
इस बीच, तहव्वुर राणा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की 2011 की पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। उस समय पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। 2011 में अमेरिका ने राणा को मुंबई हमले में शामिल होने के आरोपों से बरी कर दिया था, लेकिन हमलों के लिए जिम्मेदार एक आतंकी समूह का समर्थन करने का दोषी ठहराया था।
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प्रधानमंत्री मोदी ने क्या लिखा?
इस पर तत्कालीन यूपीए सरकार की विदेश नीति की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा था, “मुंबई हमले में तहव्वुर राणा को निर्दोष बताना भारत की संप्रभुता का अपमान है और यह विदेश नीति की बड़ी विफलता है।”
Yet this man has to prove his credentials yet another day . I repeat he is best one to lead since Independence as his every action has been critically evaluated n number of times https://t.co/kBj7gC3I6H
— आशुतोष सिंह (@jairajputana89) April 10, 2025
बता दें कि 2011 की इस पोस्ट पर कई सोशल मीडिया यूजर कमेंट कर रहे हैं। कई यूजर्स ने तहव्वुर राणा को भारत लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।
कौन है तहव्वुर राणा?
पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में था। वह 1990 के दशक में कनाडा चला गया और वहां उसने इमिग्रेशन कंसल्टेंसी शुरू की। उस पर 26/11 हमले में हमलावरों की मदद करने का आरोप था। अमेरिका ने उसे 2020 में गिरफ़्तार किया, लेकिन भारत के खिलाफ़ आरोपों से उसे बरी कर दिया। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उसकी अपील खारिज कर दी, जिसके बाद उसे भारत लाया गया।
मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत
26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया था। ये आतंकी नाव के सहारे देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पहुंचे थे। हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों की जान चली गई थी। 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। सुरक्षा बलों ने 4 दिन बाद आतंकी कसाब को जिंदा पकड़ने में सफलता हासिल की थी।
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