केंद्रीय पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह की अध्यक्षता में आज पंचायती राज मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में संपन्न हुई। बैठक को संबोधित करते गिरिराज सिंह ने कहा कि आजादी के अमृत काल में हम सभी ने वर्ष 2047 तक संपन्न भारत का संकल्प लिया है, राष्ट्र की संपन्नता में उसकी भाषा की संपन्नता भी निहित है। इसलिए हमें अपनी राजभाषा हिंदी को भी जन-जन की भाषा बनाते हुए संपन्न बनाना है।
20 देशों में बहुतायत में बोली जाती है हिंदी
गिरिराज सिंह ने कहा कि आज दुनिया के 20 देशों में हिंदी बहुतायत में बोली जाती है, लगभग दो सौ विश्वविद्यालयों में हिंदी भाषा पढ़ाई जाती है और दुनिया की 70 करोड़ आबादी हिंदी बोलती है। गिरिराज सिंह ने कहा कि हिंदी को लेकर हमें अपनी मानसिकता में बदलाव लाना जरूरी है। इस हेतु प्रबल इच्छा शक्ति भी होना आवश्यक है। हिंदी एक समृद्ध भाषा है और हमें सरकारी कामकाज में अधिक से अधिक हिंदी का उपयोग करना चाहिए। श्री सिंह ने पंचायती राज मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की नियमित बैठक आयोजित करने पर जोर दिया।
मंत्रालय में हुआ हिंदी का विस्तार
केंद्रीय पंचायती राज राज्यमंत्री एवं हिंदी सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष कपिल मोरेश्वर पाटील ने कहा कि मंत्रालय में हिंदी में कार्य करने में विगत कुछ वर्षों में विस्तार हुआ है। मंत्रालय के प्रत्येक कार्यक्रम में यह प्रयास किया जाता है कि ज्यादा से ज्यादा हिंदी में ही भाषण और संवाद हो। पाटील ने कहा कि हिंदी बहुत सरल भाषा है और इसमें दूसरी भाषा के शब्द भी आसानी से समाहित हो जाते हैं इसलिए हम सभी को यह प्रयास करना चाहिए कि हिंदी की लोकप्रियता बढ़े।
बैठक में समिति के सदस्य एवं राज्य सभा सदस्य इरान्ना करादी, पंचायती राज मंत्रालय के सचिव सुनील कुमार, सदस्यगण राम नरेश तिवारी ‘पिण्डीवासा’, तेजस सुरेश कुमार ठकर, आचार्य राम मोहन शुक्ल, सुश्री मीनू कुमारी, अशांत भोला सिंह, डॉ. नीलम सिंह, करण सिंह, राजभाषा विभाग के सहायक निदेशक रघुवीर शर्मा ने अपने विचार एवं सुझाव साझा किए।
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