Indian Air Force personnel murder case: गवाह ने मुख्य शूटर के रूप में यासीन मलिक को पहचाना

श्रीनगर शहर के रावलपोरा इलाके में 25 जनवरी, 1990 को एक आतंकी हमले के दौरान की गई गोलीबारी में एक स्क्वाड्रन लीडर सहित चार वायुसेना कर्मी हुतात्मा हो गए और 22 घायल हो गए थे।

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Indian Air Force personnel murder case:श्रीनगर शहर(srinagar city) में 1990 के दौरान भारतीय वायुसेना कर्मियों की हत्या के गवाह(Witnesses to the murder of Indian Air Force personnel) ने 18 जनवरी को विशेष सीबीआई अदालत(special cbi court) में जेकेएलएफ अध्यक्ष यासीन मलिक(JKLF President Yasin Malik) को मुख्य शूटर के रूप में पहचाना(Identified as the main shooter) है। अभियोजन पक्ष की ओर से इस गवाह को पेश किया गया था।

25 जनवरी, 1990 को किया गया था आतंकी हमला
श्रीनगर शहर के रावलपोरा इलाके में 25 जनवरी, 1990 को एक आतंकी हमले के दौरान की गई गोलीबारी में एक स्क्वाड्रन लीडर सहित चार वायुसेना कर्मी हुतात्मा हो गए और 22 घायल हो गए। उस समय यह सभी दिन की ड्यूटी के लिए स्टाफ बस का इंतजार कर रहे थे। इसी मामले में आज मलिक को दिल्ली की तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया, जहां उसे एक अन्य आतंकी अपराध में आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद से रखा गया है।

18 जनवरी को की पहचान
विशेष सीबीआई अदालत में पूर्व वायुसेना कर्मी राजवार उमेश्वर सिंह और अभियोजन पक्ष के एक प्रत्यक्षदर्शी ने 18 जनवरी को मलिक की पहचान रावलपोरा में वायुसेना कर्मियों पर गोलीबारी करने वाले मुख्य शूटर के रूप में की है। सीबीआई की वकील मोनिका कोहली ने संवाददाताओं से कहा कि गोलीबारी की घटना में मुख्य शूटर के रूप में मलिक की पहचान होना इस मामले की जांच का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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