ये इश्कबाजी तो जान पर बन आई!

इश्क क्या न करा दे... बैंक में सह-प्रबंधक के पद पर तैनात महिला का मुंबई मनपा में इंजीनियर से प्रेम संबंध था। दोनों का ये संबंध विवाह के पहले से ही था। इसके बावजूद दोनों ने अलग-अलग लोगों से विवाह किया पर इश्कबाजी जारी रखी। अब जब इंजीनियर बाबू की जिंदगी में पति-पत्नी और वो के अलावा भी तीसरी ने कदम रखा तो दूसरी को बर्दाश्त न हुआ। उसने आशिक को ठिकाने लगाने के लिए सुपारी दे दी।

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मनपा इंजीनियर की इश्कबाजी उसकी जान ले लेती। जिस महिला से उसने दिल्लगी की थी उसी महिला ने उसे ठिकाने लगाने के लिए सुपारी दे दी। पैसा भी फिक्स था, जगह भी फिक्स थी और शिकारी तैयार भी थे इसके पहले की शिकार आता पुलिस ने शिकारियों को खुद शिकार बना दिया।

इश्क क्या न करा दे… बैंक में सह-प्रबंधक के पद पर तैनात महिला का मुंबई मनपा में इंजीनियर से प्रेम संबंध था। दोनों का ये संबंध विवाह के पहले से ही था। इसके बावजूद दोनों ने अलग-अलग लोगों से विवाह किया पर इश्कबाजी जारी रखी। अब जब इंजीनियर बाबू की जिंदगी में पति-पत्नी और वो के अलावा तीसरी ने कदम रखा तो दूसरी को बर्दाश्त न हुआ। उसने आशिक को ठिकाने लगाने के लिए सुपारी दे दी।

तो ठोंक देता सुपारी किलर

आशिक की रुसवाई से गुस्साई महिला उस दिन सुपारी किलर से मिलने पहुंची थी। पुलिस के अनुसार यहां से उन्हें दादर जाना था। जहां महिला दूर से ही इंजीनियर की पहचान करा देती और फिर सुपारी किलर आशिक को मौत के घाट उतार देता। लेकिन इसकी भनक पुलिस को लग गई।

मुंबई की सुपारी, उड़ीसा का किलर

एक बैंक अधिकारी महिला ऐसा कृत्य कर सकती है इसको सोचकर भी लोगों की रूह कांप जाती है। लेकिन ये सच साबित हुई। महिला अधिकारी के साथ जब अपराधी प्रवृत्ति का शख्स गिरफ्तार हुआ तो उसके पास से एक रिवॉल्वर और 6 जिंदा कारतूस बरामद हुए। इनसे पूछताछ में खुलासा हुआ कि महिला मूल रूप से मुंबई की है और उसने जिसे सुपारी दी थी वह मनोज प्रधान उड़ीसा का है। महिला ने किसी करीबी के जरिये मनोज को ये सुपारी दी थी। दोनों को माटुंगा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक विजयसिंह घाडगे के नेतृत्व में पुलिस अधिकारियों की तत्परता से एक बड़ी आपराधिक साजिश फेल हो गई।

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