बिहार में उम्मीदवार मंच टूटने का शिकार हो रहे हैं। लोग नाराज ने हो जाएं इसलिए बड़ी संख्या में नेता लोगों को मंच पर बुला लेते हैं। और देखते ही देखते मंच पर लोगों भीड़ लग जाती है। जिसके बाद रंग में भंग तब पड़ जाता है जब मंच टूट जाता है और सबके सब धड़ाम हो जाते हैं। पेश है ऐसी तीन घटनाएं…
“लोकतंत्र में लोग जानते हैं किसको कब उठाना है और किसको कब गिरा देना है” इतना बोलना ही था कि धड़ाम से नेताजी का मंच गिर पड़ा। यह घटना 29 अक्टूबर की बिहार के दरभंगा की है। जहां जाले सीट से महागठबंधन के उम्मीदवार कांग्रेस से मशकूर अहमद उस्मानी हैं। मशकूर उस्मानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर मामले से चर्चा में आए थे। महागठबंध के उम्मीदवार मशकूर अहमद उस्मानी का मुकाबला वर्तमान भाजपा विधायक जीवेश कुमार के साथ है।
इसी प्रकार दूसरी घटना भी 29 अक्टूबर की वाल्मिकी नगर की है जिसमें एक गायक ने मोदी जी को सुरों के जरिये इतना कोसा की उसके मंच ने भी दे दिया धोखा। यहां भी मंच पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार प्रवेश मिश्रा चुनाव मैदान में हैं।
जबकि तीसरी घटना 19 अक्टूबर की वैशाली की है जब लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार इंजीनियर रविंद्र सिंह का मंच नारा देने के दौरान गिर पड़ा। इस दौरान मंच खचाखच भरा हुआ था। लोगों का जोश हाई था। एक युवक उम्मीदवार के समर्थन में नारे लगवा रहा था कि मंच गिर पड़ा।
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