…और सिसक-सिसक कर रो पड़े दरेकर

सांगली जिले में बाढ़ की विभीषिका ने ऐसा कहर ढाया है कि अब वहां मलबे की बस्ती और आंखों में आंसू ही दिखता है। इस परिस्थिति में उनके दुख में सांत्वना देने नेता पहुंच रहे हैं।

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पश्चिम महाराष्ट्र बाढ़ की विनाशलीला की कहानी कह रहा है। इस बाढ़ में किसी का घर उजड़ा तो किसी की जिंदगी ही उजड़ गई। इन दुखियारों से मिलने और उनका दुख साझा करने नेता पहुंच रहे हैं। ऐसे ही एक घर पहुंचे बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर जो वहां खुद आंसुओं की बाढ़ में बह गए।

सांगली जिले में बाढ़ की विभीषिका ने ऐसा कहर ढाया है कि अब वहां मलबे की बस्ती और आंखों में आंसू ही दिखता है। इस परिस्थिति में उनके दुख में सांत्वना देने नेता पहुंच रहे हैं। बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर भी सांगली के तडवले गांव पहुंचे थे। दरेकर ने यहां 22 वर्षीय शुभम जाधव के परिवार से भेंट की। उन्हें देखकर शुभम की मॉं के आंसू फिर छलक पड़े। वो बिलख-बिलखकर कह रही थी साहब, मुझे मेरा बेटा लौटा… मैंने रात-रातभर कपड़े सीकर उसे पाला-पढ़ाया और वे ऐसे चला गया। ईश्वर ने मेरे साथ घात कर दिया साहब….

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मॉं के इस विलाप के आगे प्रवीण दरेकर अपने ढाढ़स को खो बैठे और खुद रोने लगे। राज्य में ऐसे सैकड़ों परिवार हैं जो आज अपने आशियाने और अपनों को खोने के दुख में डूबे हुए हैं। शुभम को तो अब कोई नहीं लौटा पाएगा लेकिन इन परिवारों को सरकार की मदद की सख्त आवश्यकता है। कोरोना ने वैसे ही आर्थिक तंगहाली में खड़ा कर दिया था ऐसे में यह बेरहम बाढ़ घर और आंगन की बची खुची खुशी को भी बहा ले गई।

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