Domesticated animals: पालतू जानवरों पर आफत! उनका भविष्य जानने के लिए पढ़ें यह आर्टिकल

हालांकि, आज ये जानवर धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहे हैं। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है और इसके पीछे कई कारण हैं।

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साखी गिरि

Domesticated animals: पालतू जानवरों (Domesticated animals) का हमारे समाज में महत्वपूर्ण स्थान है। हाथी, घोड़ा, गधा और बैल जैसे पालतू जानवर न केवल कृषि और यातायात में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि हमारे सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन का अभिन्न हिस्सा भी हैं।

हालांकि, आज ये जानवर धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहे हैं। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है और इसके पीछे कई कारण हैं।

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कृषि और परिवहन के लिए महत्वपूर्ण
हाथी, घोड़ा, गधा और बैल न केवल कृषि और परिवहन के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन में भी इनका विशेष स्थान है। विभिन्न त्योहारों और अनुष्ठानों में इनकी उपस्थिति हमारे समाज की समृद्धि और विविधता को दर्शाती है। इन जानवरों का संरक्षण हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी बचाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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हाथी, घोड़ों की आबादी में तेजी से कमी!
पिछली तीन पीढ़ियों में एशियाई हाथियों की संख्या में कम से कम 50% की गिरावट आई है, और आज भी वे घट रहे हैं। जंगल में केवल 40,000-50,000 की संख्या बची होने के कारण, इस प्रजाति को लुप्तप्राय के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 2020 के बाद से यह तीसरा साल है, जब जंगली घोड़ों और गधों की आबादी में कमी आई है। बीएलएम का अनुमान है कि 1 मार्च, 2024 तक प्रबंधित सार्वजनिक भूमि पर लगभग 73,520 संघ-संरक्षित जंगली घोड़े और गधों की संख्या थी – जो 2023 में अनुमानित संख्या से 9,363 कम है।

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आधुनिक कृषि और मशीनों का प्रभाव
विकसित प्रौद्योगिकी और आधुनिक कृषि उपकरणों के कारण हाथी, घोड़ा, गधा और बैल जैसे जानवरों की आवश्यकता कम हो गई है। ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और अन्य मशीनें खेती के काम को तेजी से और कम खर्चे में करने में सक्षम हैं। इसके कारण किसान अब इन पालतू जानवरों का पालन-पोषण करने से बच रहे हैं।

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घटते प्राकृतिक संसाधन
इन जानवरों को पालने के लिए पर्याप्त भू-भाग, चारा और पानी की आवश्यकता होती है। तेजी से बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण के कारण प्राकृतिक संसाधनों की कमी हो रही है। चरागाहों का संकुचन और जल स्रोतों का सूखना इन जानवरों के अस्तित्व के लिए खतरा बन गया है।

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जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय संकट
जलवायु परिवर्तन के कारण पारिस्थितिक तंत्र में हो रहे बदलावों का भी पालतू जानवरों पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। बढ़ती गर्मी, अनियमित वर्षा और अन्य पर्यावरणीय संकट इनके जीवन को कठिन बना रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप इनकी संख्या में लगातार गिरावट आ रही है।

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संरक्षण के प्रयास और आवश्यक कदम
पालतू जानवरों के विलुप्त होने से रोकने के लिए हमें कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता है। सबसे पहले, हमें इनके संरक्षण के लिए विशेष नीतियों और योजनाओं की आवश्यकता है। सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर इन जानवरों के संरक्षण के लिए काम करना चाहिए। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है ताकि किसान इनकी उपयोगिता और महत्व को समझ सकें।

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सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
हाथी, घोड़ा, गधा और बैल न केवल कृषि और परिवहन के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन में भी इनका विशेष स्थान है। विभिन्न त्योहारों और अनुष्ठानों में इनकी उपस्थिति हमारे समाज की समृद्धि और विविधता को दर्शाती है। इन जानवरों का संरक्षण हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी बचाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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सामूहिक प्रयास की आवश्यकता
पालतू जानवरों का विलुप्त होना एक गंभीर समस्या है, जिसे हल करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। यदि समय रहते हमने आवश्यक कदम नहीं उठाए, तो आने वाली पीढ़ियों को ये जानवर केवल किताबों और चित्रों में ही देखने को मिलेंगे। हमें अपनी संस्कृति, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को बचाने के लिए इन जानवरों के संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।

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