केन्द्र सरकार ने फार्मास्युटिकल क्षेत्र में एमएसएमई को शक्ति देने के लिए तीन योजनाएं शुरू की हैं। जिसके अंतर्गत देश में फार्मास्युटिकल क्लस्टर के विकास के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी और तकनीकी को भी उन्नत किया जाएगा। केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि, देश ने दवा उत्पादन में महत्वपूर्ण सामग्री एक्टिव फार्मास्युटिकल इन्ग्रेडिएंट्स (एपीआई) के निर्माण में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में जो कदम उठाए थे, उसका प्रभाव दिखने लगा है। वर्तमान काल में भारत विश्व के 150 देशों में दवाओं की आपूर्ति कर रहा है। इस प्रगति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि, एपीआई निर्माण में अपनी बादशाहत के बल पर दुनिया को आंख दिखानेवाले चीन को भी भारत शीघ्र ही पीछे छोड़ देगा।
बाइट – मनसुख मांडविया
केन्द्रीय स्वास्थ्य व रसायन उर्वरक मंत्री