मुंबई। इन दिनों मुंबई और इसके उपनगराों में आलू और कांदा के भाव आसमान पर हैं । इस वजह से लोगों के किचन का बजट बिगड़ गया है और कोरोना काल में उनकी परेशानी और बढ़ गई है। मजबूरी में वे एक किलो की जगह एक पाव आलू-प्याज से ही काम चला रहे हैं।
आलू-प्याज की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी
सब्जियों का राजा कहे जानेवाला आलू अब अर्ध शतक लगाने को तैयार है। इसका दाम पिछ्ले एक माह में 30 रुपए से बढ़कर 45 रुपये प्रति किलो हो गया है। वहीं कांदा 40 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। आलू के व्यापारी अंकुश गुप्ता का कहना है कि नवी मुंबई के एपीएमसी थोक बाजार में आलू की गाड़ियां काफी कम आ रही हैं, जिसके चलते डिमांड और सप्लाई का रेशो बिगड़ गया है। इस वजह से आलू का दाम बढ़ रहा है। उनका मानना है कि जब तक आलू की नई फसल नहीं आ जाती,तब तक इसके दाम बढते रहेगें। कांदा के महंगा होने के पीछे नासिक के बड़े व्यापारियों की जमाखोरी बताई जा रही है।
वड़ा पाव का भी दाम बढ़ा
आलू और प्याज के बढ़ते दाम की वजह से मुंबईकरों के प्रसंदीदा स्नैक्स समोसा और वड़ा पाव के दाम भी बढ़ा गए हैं। पहले समोसा पाव जहां 14 रुपए में मिलता था,अब वह 17 रुपए का हो गया है और जो वड़ा पाव 12 रुपए मे मिलता था, वह 14 रुपये मे मिलने लगा है। मुंबई जैसे शहर मे वड़ा पाव और समोसा पाव के दाम 2 से 3 रुपए एक साथ बढ़ जाना बड़ी बात है, क्योकि यहां वड़ा पाव खाने वालों की तादाद लाखों मे है।
मजबूरों और मजदूरों का भोजन
वैसे तो वडा और समोसा पाव यहां के अमीर-गरीब सबका पसंदीदा व्यंजन है, लेकिन गरीबों के लिए तो यह पेट भरने का उत्तम साधन है। सस्ता और हर जगह उपलब्ध वड़ा और समोसा पाव खाकर वे संतुष्ट हो जाते हैं। इस हालत में इसके दाम में दो-तीन रुपए की बढ़ोत्तरी भी उन्हें बहुत अखरने लगी है।
प्याज के निर्यात पर रोक
केंद्र सरकार ने कांदा के दाम को नियंत्रित करने के लिए इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इसके दाम कम हो जाएंगे लेकिन आलू के दाम को लेकर सरकार चिंतित है।