Assembly Polls: कांग्रेस नैरेटिव सेट करने में फेल, अब झारखंड- महाराष्ट्र में होगा खेल

जिसके कारण उसका 400 पार का नारा धरातल पर नहीं उतर सका था। अब भाजपा निराशा के उस भाव से उबर चुकी है।

54

-अंकित तिवारी

Assembly Polls: हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) की जीत से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) में नया उत्साह आ गया है। हरियाणा (Haryana) से भाजपा को विपक्ष के झूठ पर आधारित नैरेटिव ध्वस्त करने का मंत्र मिल गया है। अब झारखंड, महाराष्ट्र (Maharashtra) राज्यों सहित कई राज्यों की खाली पड़ी विधानसभा तथा दो लोकसभा सीटों पर उपचुनावों की तैयारियां अंतिम चरण में हैं।

इन सभी चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाला राजग गठबंधन अपनी तैयारी में काफी आगे निकल चुका है, गठबंधन ने अपने सहयोगी दलों के साथ सीटों का बंटवारा भी कर लिया है और उम्मीदवारों के चयन का काम पूरा करते हुए अपने नारे भी सेट कर लिये हैं।

यह भी पढ़ें- Train derailment: तेलंगाना में मालगाड़ी के 11 डिब्बे पटरी से उतरे, 31 ट्रेनें रद्द

झूठे नैरेटिव सेट करने में फेल इंडी गठबंधन
हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम से स्पष्ट है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का जो कोर मतदाता किसी कारणवश इधर-उधर चला गया था, वह वापस आ रहा है। लोकसभा चुनाव में संविधान और आरक्षण सहित जातिवार जनगणना का झूठा नैरेटिव चलाने के कारण ओबीसी समाज भाजपा से छिटका, जिसके कारण उसका 400 पार का नारा धरातल पर नहीं उतर सका था। अब भाजपा निराशा के उस भाव से उबर चुकी है।

यह भी पढ़ें- Elon Musk: अंतरिक्ष प्रेमी अरबपति मस्क अब बनेंगे मंत्री, ट्रंप का बड़ा ऐलान

योगी का मास्टर स्ट्रोक
हरियाणा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे “हिंदू बटेंगे तो कटेंगे“ ने हिन्दू जनमानस को नयी चेतना दी थी ओैर अब यही नारा महाराष्ट्र की धरती तक पहुंच गया है। साथ ही हरियाणा में ओबीसी समाज ने जिस प्रकार भाजपा का साथ दिया है उसे ध्यान में रखते हुए भाजपा अब अन्य राज्यों में भी ओबीसी समाज को साधने के लिए हर उपाय करने जा रही है। हरियाणा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल की पहली बैठक में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के ज्यादा जरूरतमंदों को आरक्षण का लाभ देने के लिए प्रदेश सरकार एससी एसटी वर्ग में उपवर्गीकरण करने जा रही है। हरियाणा सरकार का यह कदम सर्वोच्च न्यायालय के कोटा में कोटा के ऐतिहासिक निर्णय की भावना के अनुरूप है।

यह भी पढ़ें- Sanatan: सनातन संस्कृति को विकृत साबित करने का षड़यंत्र! यहां पढ़ें

संघ भी सक्रिय
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीतने के लिए जहां भाजपा ने कमर कस ली है, वहीं संघ व विश्व हिंदू परिषद सहित समस्त हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी सक्रिय हो गए हैं। बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान सहित विश्व के अनेक देशों में हिंदुओं व सनातन धर्म के आस्था के केंद्रों पर जिस प्रकार हमले किये जा रहे हैं तथा भारत का विपक्ष जिस प्रकार सनातन हिंदू के खिलाफ जहर उगल रहा है उससे उत्पन्न संकट को देखते हुए अब सभी हिंदू संगठनों को यह समझ में आ गया है कि सत्ता कितनी अनिवार्य है। भाजपा के लिए संघ के साथ उसके सभी समवैचारिक संगठन सक्रिय हैं।

यह भी पढ़ें- Lawrence Gang: दिल्ली से शूटर मोगली गिरफ्तार, पुलिस ने रातभर कई गैंगस्टरों के ठिकानों पर की छापेमारी

महाराष्ट्र में साधु-संतों के सम्मेलन की योजना
विश्व हिंदू परिषद पूरे महाराष्ट्र में साधु-संतों के सम्मेलन करवाने की योजना बना रही है। मंदिर-मठों का प्रतिनिधित्व करने वाले साधु-संत हिंदुत्व, सुशासन, विकास, लोक कल्याण, राष्ट्रीय हित जैसे विषय जनमानस को बतायेंगे। लव जिहाद, धर्मांतरण आदि को रोकने के लिए वहां पर पहले भी कई रैलियां हो चुकी हैं। इसके साथ ही साधु-संत वोट जिहाद के प्रति भी हिंदू जनमानस को जगाने के लिए काम कर रहे हैं और वोट जिहाद के खिलाफ 100 प्रतिशत मतदान करने की बात कर रहे हैं। नागपुर और अकोला में संत सम्मेलन आयोजित किये जा चुके हैं।

यह भी पढ़ें- Jammu & Kashmir: यासीन मलिक की पत्नी को क्यों याद आए राहुल गांधी! यहां पढ़ें

वोट प्रतिशत बढ़ाना लक्ष्य
संत समाज का कहना है कि लोकसभा चुनाव में जो हुआ, वह वोट जिहाद का ही परिणाम था किंतु अब वोट जिहाद का हिसाब उसी तरह किया जायेगा। वोट का प्रतिशत बढ़ाया जाए। हमारा देश, हमारे संस्कार लेकर बढ़े इसलिए हमें अपना मत प्रतिशत बढ़ाना है। विहिप का कहना है कि अब आने वाले सभी निर्वाचनों में ऐसे लोग ही चुनकर आएं जो नीति निर्धारण हिंदू धर्म, हिंदी, संस्कृत, हिंदी परम्परा, हिंदू रीति रिवाज का संरक्षण करने वाले हों। महाराष्ट्र की राजनीति में हिंदुत्व एक बड़ा फैक्टर रहा है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं जैसे गाय को राज्यमाता का दर्जा दिया जाना।

यह भी पढ़ें- Mathura: रिफाइनरी में ब्लास्ट के बाद लगी भीषण आग, दस लोग झुलसे

अब भाजपा के साथ ओबीसी
भाजपा ओबीसी व वनवासी समाज को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी क्योंकि 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से चुनाव दर चुनाव ओबीसी समाज भाजपा का साथ देता आ रहा है। सबसे अधिक ओबीसी मुख्यमंत्री भाजपा ने ही बनाए हैं। सबसे अधिक ओबीसी विधायक व सांसद भाजपा से ही जीतकर आ रहे हैं। भाजपा ओबीसी समाज के लिए कुछ बड़े निर्णय ले सकती है क्योंकि महाराष्ट्र में भी ओबीसी समाज की एक बड़ी भूमिका है। उत्तर प्रदेश के विधानसभा उपचुनाव में भी हिंदुत्व के साथ जातियों को भी साधने पर काम किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें- Jharkhand election: पहले चरण में 15 जिलों के 43 सीटों पर मतदान आज, इतने उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला

पूरे देश में घूमने के लिए तैयार नारा
भाजपा के रणनीतिकार अब विशिष्ट रणनीतियों पर काम कर रहे हैं। विगत चुनावों में भाजपा ने “बंटेंगे तो कटेंगे” का नारा दिया और सफलता पाई। इसी नारे के बल पर जम्मू के हिंदू भी भाजपा के पक्ष में गोलबंद दिखे। अब यह नारा पूरे भारत में घूमने के लिए तैयार हो रहा है। ओबीसी समाज को आकर्षित करने के लिए सरकार बड़े कदम उठाने जा रही है जिसमें क्रीमीलेयर की सीमा बढ़ाने से लेकर अन्य कई योजनाओं का विस्तार करने पर विचार कर रही है। इसीलिए कहा जा रहा है कि भाजपा ने विपक्ष के नैरेटिव को धराशायी करने का मंत्र खोज लिया है।

यह वीडियो भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.