-नरेश वत्स
Delhi Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections) में परचम लहराने और झारखंड (Jharkhand) में संतोषजनक प्रदर्शन के बाद भाजपा (BJP) की नजर अगले वर्ष यानी 2025 में दिल्ली (Delhi) और बिहार (Bihar) में होने वाले चुनाव फोकस हो गई है।
देश की सबसे बड़ी पार्टी ने दिल्ली और बिहार को जीतने की तैयारियां जोर-शोर से शुरू कर दी हैं। महाराष्ट्र और हरियाणा में भाजपा को मिली जीत के बाद भाजपा के हौसले बुलंद है। हालांकि झारखंड की हार से मन में थोड़ा मलाल तो होगा, लेकिन महाराष्ट्र में मिली बंपर जीत से भाजपा नेताओं का जोश हाई है।
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आसमान पर हौसला
महाराष्ट्र की जीत भाजपा के लिए जोश भरने वाली है क्योंकि लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा का अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा था। हरियाणा में भी लोकसभा चुनावों में भाजपा ने राज्य की कुल 10 सीटों में से 5 सीटें जीती थी। दिल्ली की बात करें तो भाजपा ने लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों को लगातार तीसरी बार जीता है।
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विधानसभा चुनाव में लगातार मात
भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगातार हार रही है। वर्ष 2013 में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। भाजपा को 32 विधानसभा सीट मिली थी। लेकिन 2015 में दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से भाजपा तीन सीटें ही जीत पाई थीं। वर्ष 2020 में भाजपा आम आदमी पार्टी से एक बार फिर हार गई। भाजपा को 8 विधानसभा सीटें ही मिली थीं।
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इस बार जीत की उम्मीद
इस बार के चुनाव में भाजपा ने देश की राजधानी को जीतने की पूरी रणनीति तैयार की है। आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं, जिनमें कैलाश गहलोत प्रमुख है। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल भी भाजपा के पक्ष में खड़ी है। तकनीकी कारणों से स्वाति भाजपा में शामिल नहीं हुई हैं। लेकिन उन्होंने केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। अरविंद केजरीवाल का साथ छोड़कर आए कैलाश गहलोत ने भी आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया है।
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जीत की रणनीति
भाजपा ने कैलाश गहलोत को चुनाव समन्वय समिति और भाजपा के चुनाव घोषणा समिति का सदस्य बनाया है। भाजपा ने दिल्ली जीतने के लिए परिवर्तन यात्रा की घोषणा कर दी है। यह यात्रा दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में निकाली जाएगी। भाजपा ने परिवर्तन यात्रा के लिए 9 सदस्यों की एक समिति भी बना दी है। इसकी जिम्मेदारी दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय को सौंपी गई है। इस परिवर्तन यात्रा के माध्यम से भाजपा दिल्ली की जनता को यह समझाने की कोशिश करेगी कि सीवर से लेकर सड़क तक और पानी सहित, जो भी दिल्ली में समस्याएं हैं, उसकी जिम्मेदार आम आदमी पार्टी ही है।
हिंदुत्व का एजेंडा
भाजपा ने दिल्ली चुनाव में हिंदुत्व का एजेंडा एक बार फिर से शुरू कर दिया है। भाजपा पहले ही 2020 में अरविंद केजरीवाल को आतंकी साबित करने की मुहिम चला चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा ‘एक है तो सेफ है’ जिस तरह से महाराष्ट्र में सफल हुआ है, उसी तर्ज पर दिल्ली में भी यह नारा गूंजेगा। केजरीवाल की पार्टी कांग्रेस के ही वोट काट कर आगे बढ़ती है लेकिन दिल्ली चुनाव में तो कांग्रेस ही आम आदमी पार्टी के वोट काटती है। कांग्रेस भले ही बीते दो चुनाव में खाता भी नहीं खोल पाई हो लेकिन इस बार अरविंद केजरीवाल के लिए तो मुसीबत लाने वाली है।
महिला मतदाताओं पर नजर
महाराष्ट्र में लाड़की बहीण योजना ने भाजपा को जीतने में बड़ी मदद की है। दिल्ली में भी भाजपा महिलाओं के लिए डायरेक्ट कैश ट्रांसफर योजना लाने का विचार कर रही है। भाजपा अपने चुनावी घोषणा पत्र में अरविंद केजरीवाल के दिल्ली की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपए देने की स्कीम को काउंटर करने के लिए कैश ट्रांसफर योजना लाने जा रही है।
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झुग्गीवासियों के संवाद
दिल्ली बीजेपी नेता रात्रि प्रवास संवाद के लिए शहर भर के 250 से अधिक झुग्गी क्लस्टरों में रह रहे हैं। वीरेन्द्र सचदेवा, दुष्यंत गौतम, हर्ष मल्होत्रा, मनोज तिवारी, रामवीर सिंह बिधुरी, योगेन्द्र चंदोलिया, कमलजीत सेहरावत, बांसुरी स्वराज, प्रवीण खंडेलवाल, विजेन्द्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, अरविंदर सिंह लवली, कैलाश गहलोत, विष्णु मित्तल सहित पार्टी नेता रात्रि प्रवास संवाद में शामिल हो रहे हैं।
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झुग्गी विस्तार अभियान
कुछ साल पहले तक झुग्गी क्लस्टर केजरीवाल का राजनीतिक गढ़ थे, लेकिन 2022 के दिल्ली नगर निगम चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों में “AAP” ने झुग्गी निवासियों के द्वारा प्रचलित अधिकांश वार्ड और विधानसभा क्षेत्रों को खो दिया, जिसने केजरीवाल को बड़ा राजनीतिक झटका दिया है। भाजपा पिछले लगभग 6 महीनों से झुग्गी विस्तार अभियान चला रहे हैं।
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केजरीवाल ने किया गुमराह
दिल्ली के झुग्गी निवासी आज इस बात को लेकर पछता रहे हैं कि 2015 और 2020 में उन्हें केजरीवाल ने गुमराह किया, लेकिन अब वे समझ गए हैं कि यह पीएम नरेंद्र मोदी हैं, जिन्होंने यूपी, बिहार, एमपी और राजस्थान के उनके गांवों में प्रगति लाई है और अब वे दिल्ली में भी बीजेपी को वोट देंगे ।
आम आदमी पार्टी को हार का डर
हिंदुस्थान पोस्ट से बात करते हुए दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि ऐसा लगता है कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हार का डर सता रहा है और इस वजह से वह अप्रासंगिक राजनीतिक बयान दे रहे हैं। ध्यान देने वाली बात है कि 2022 के MCD चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों में “आप” को बड़े झुग्गी निवासियों वाले अधिकतर वार्डों और विधानसभा क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा, जिससे केजरीवाल को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है।
बिहार में भी जोश हाई
बिहार में हुए उपचुनाव में दोनों सीटों पर जीत हासिल करने के बाद बिहार भाजपा के हौसले बुलंद हैं । बिहार में हुए विधानसभा उपचुनाव परिणाम के बाद बिहार विधानसभा में विधायकों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है। 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में एनडीए के पास 137 विधायक हैं, जबकि विपक्ष के पास 106 विधायक रह गए हैं। अब 78 विधायकों वाली भाजपा का 80 विधायकों वाली पार्टी बन गई है।
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