Indi Alliance: हरियाणा चुनाव के बाद देखा जा रहा है कि इंडी गठबंधन में कांग्रेस की अहमियत काफी कम हो गई है। खास बात यह है कि महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी को जितनी सीटें चाहिए थीं, उतनी नहीं दीं, इसलिए झारखंड में समाजवादी पार्टी ने 21 सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतार दिये हैं। इस तरह की चर्चा राजनीतिक गलियारे में गरम है।
सपा के लिए बड़ा झटका
चार राज्यों के चुनाव में सपा को एक भी सीट नहीं मिली, लोकसभा चुनाव में सपा देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी और इंडी गठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। महाराष्ट्र और झारखंड में सीटें न मिलना गठबंधन के साथी के तौर पर सपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
झारखंड की नौ सीटों पर सपा ने उतारे उम्मीदवार
जिन सीटों पर सपा ने उम्मीदवार उतारे हैं, उनमें गढ़वा, बर्दी, मनिका, हुसैनाबाद, भंवतपुर, छतरपुर, विश्रामपुर, जमशेदपुर, बरकट्ठा, बड़कागांव, कांके, पाकुड़, महेशपुर, जरमुंडी, राजमहल, बोरियो, सारठ, जमुआ, निरसा, टुंडी और बगमारा शामिल हैं।
महाराष्ट्र में भी खाली हाथ
सपा को उम्मीद थी कि महाराष्ट्र में, जहां उसके दो विधायक हैं, गठबंधन के तहत उसे कम से पांच सीटें मिलेंगी, लेकिन यहां भी उसे निराश होना पड़ा। सपा ने महाराष्ट्र में 12 सीटों की मांग की थी। वहीं, एसपी हरियाणा में भी एक सीट चाहती थी, लेकिन कांग्रेस ने एक भी सीट नहीं दी।
जम्मू-कश्मीर में उतारे 20 उम्मीदवार
सपा ने हरियाणा में चुनाव नहीं लड़ा। लेकिन, जम्मू-कश्मीर में 20 उम्मीदवार उतारने के साथ ही झारखंड में कांग्रेस को अपने खाते से राजद को सीटें देनी पड़ीं। गठबंधन के लिए झारखंड में कांग्रेस नेताओं से बात करने की जिम्मेदारी समाजवादी पार्टी के नेता व्यास गौड़ को सौंपी गई। झारखंड में राजद का कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन था। कांग्रेस ने कहा कि उसके कोटे की सीटें राजद को दी जानी चाहिए। इसलिए वह सपा को सीट नहीं दे सकती। इसके बाद सपा ने यहां अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया।