Jharkhand Assembly Result: एनडीए को मात, नहीं बनी बात

भाजपा पार्टी ने बांग्लादेशी घुसपैठ, भ्रष्टाचार, वंशवादी राजनीति आदि मुद्दों पर सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ़ पूरी ताकत से चुनाव लड़ा।

38

-अंकित तिवारी

Jharkhand Assembly Result: झारखंड (Jharkhand) में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (ruling Jharkhand Mukti Morcha) (JMM) के नेतृत्व वाले इंडी ब्लॉक ने बढ़त हासिल कर ली है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाला NDA विपक्ष में बैठने को मजबूर (forced to sit in opposition) हो गया है।

इस प्रदेश में कुल 81 विधानसभा सीट हैं, जबकि जादुई आंकड़ा 41 है। भाजपा पार्टी ने बांग्लादेशी घुसपैठ, भ्रष्टाचार, वंशवादी राजनीति आदि मुद्दों पर सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ़ पूरी ताकत से चुनाव लड़ा।

यह भी पढ़ें- Uttar Pradesh: संभल में मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसक झड़प, तीन की मौत

एनडीए की हार के फैकटर्स
झारखंड में भाजपा के मजबूत सत्ता विरोधी रुझान के दावे के बावजूद, प्रदेश के जनादेश से हेमंत सोरेन सरकार बनाने में कामयाब रहें। झारखंड में भाजपा के चुनावी भाग्य को संभवतः इन कारकों ने प्रभावित किया हैः

यह भी पढ़ें- Sri Lanka: एनपीपी की प्रचंड जीत, भारत के लिए कितनी अहम?

सहानुभूति लहर
जब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 8.36 एकड़ जमीन के अवैध कब्जे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया, तो भाजपा ने सोचा कि उसे झामुमो नेता के खिलाफ एक मजबूत हथियार मिल गया है और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर उन पर हमला जारी रखा, लेकिन यह रणनीति उल्टी पड़ गई। जब सोरेन जेल में थे, तो उन्होंने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को लोगों तक पहुंचने के लिए सहानुभूति कार्ड खेलने के लिए तैनात किया, जिसमें, ऐसा लगता है, वे सफल रहे।

यह भी पढ़ें- Perth Test: दूसरी पारी में भारत की शानदार बल्लेबाजी, ऑस्ट्रेलिया को दिया 534 रन का लक्ष्य

बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर झारखंड भाजपा के सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा तक सभी पार्टी प्रचारकों ने झारखंड विधानसभा चुनाव में ‘बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा’ पूरी ताकत से उठाया। भाजपा ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए दावा किया कि अगर वह सत्ता में आई तो वह बांग्लादेशी मुसलमानों को बांग्लादेश भेज देगी। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के शीर्ष नेताओं ने दावा किया कि झारखंड के कुछ हिस्से, खासकर संथाल परगना क्षेत्र ‘मिनी बांग्लादेश’ बन रहे हैं। लेकिन भाजपा का यह मद्दा कारगर साबित नहीं हुआ।

यह भी पढ़ें- Maharashtra Politics: एलओपी को लेकर चंद्रशेखर बावनकुले का तीखा तंज, जानें क्या कहा

भाजपा में सीएम चेहरे की कमी
भाजपा पार्टी ने कोई मुख्यमंत्री चेहरा पेश नहीं किया, जो सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ विपक्षी पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हुआ। इससे उलट इंडी गठबंधन में पहले दिन से ही स्पष्ट था कि उनका सीएम चेहरा हेमंत सोरेन हैं। भाजपा में सीएम चेहरे की कमी के कारण मतदाताओं में भ्रम था कि एनडीए का नेतृत्व कौन करेगा, दूसरी ओर, सत्तारूढ़ गठबंधन को स्पष्ट था कि वे हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं।

यह भी पढ़ें- IPL Auction 2025: पहले दिन केवल 84 खिलाड़ीयों की होगी नीलामी, जानें किसके नाम शामिल

दलबदलू नेता
हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन से लेकर करीबी चंपई सोरेन तक, भाजपा ने कई विपक्षी नेताओं को अपने पाले में खींचा। लेकिन दलबदलुओं के साथ राजनीतिक स्थान साझा करने की रणनीति चुनावी लाभ कमाने में विफल रही।  दलबदलू सीता सोरेन जामताड़ा सीट से चुनाव हार गईं।

यह वीडियो भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.