Maharashtra Assembly Elections की गहमागहमी के बीच यह साफ हो गया है कि अमरावती जिले में महाविकास अघाड़ी फेल हो गयी है। कांग्रेस विधायक और तिवसा निर्वाचन क्षेत्र की उम्मीदवार यशोमति ठाकुर ने आरोप लगाया है कि एनसीपी नेता शरद चंद्र पवार की एनसीपी नेता उनको ब्लैकमेल कर रहे हैं। ठाकुर के आरोपों से महाविकास अघाड़ी में बड़ी हलचल मच गई है। इस बीच शरद पवार की पार्टी एनसीपी के नेता सुनील वरहाड़े ने यशोमति ठाकुर के इन आरोपों को खारिज किया है।
क्या है आरोप?
यशोमति ठाकुर ने शरद पवार की पार्टी एनसीपी नेता सुनील वरहाड़े पर आरोप लगाते हुए कहा, ”हमने उन्हें पहले के बैंक चुनाव में चुना था, उन्होंने आर्थिक मदद मांगी और वो भी किया। अब उन्होंने मुझे ब्लैकमेल करने की कोशिश की और 25 लाख रुपये की मांग की। चूंकि वे व्यापारी हैं, इसलिए वे हमेशा ब्लैकमेल करने की कोशिश करते हैं।” ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया है कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी उन्हें हराने की कोशिश कर रही है और उनका बीजेपी के साथ अंदरूनी समझौता है। इस बीच, शरद पवार की पार्टी एनसीपी के नेता सुनील वरहाडे ने पूर्व मंत्री और तिवसा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार यशोमति ठाकुर के आरोपों पर पलटवार किया है और सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। वरहाडे ने कहा, ”मैं अपने घर बैठा हूं, मैंने पार्टी से कहीं भी कोई खिलवाड़ नहीं किया है। मैं पार्टी के प्रति वफादार हूं। अब यह उन्हें तय करना है कि वे जो चालबाजी कर रही हैं, वह उनके फायदे के लिए है या नुकसान के लिए है।”
महाविकास अघाड़ी में फूट
यशोमती ठाकुर ने 2019 में लगातार तीसरी बार अमरावती जिले के तिवसा निर्वाचन क्षेत्र से लगभग 11 हजार वोटों से जीत हासिल की। इस साल यशोमति ठाकुर को महायुति से बीजेपी के राजेश वरहाड़े से चुनौती मिलेगी। पिछली बार यह सीट शिवसेना के पास थी, अब यहां से बीजेपी का उम्मीदवार मैदान में है। इसलिए विधानसभा क्षेत्र में इस बात को लेकर चर्चा चल रही है कि यशोमति ठाकुर बीजेपी का मुकाबला कैसे करेंगी।
इस साल राज्य विधानसभा के लिए 288 निर्वाचन क्षेत्रों में एक ही चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा, जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी। चूंकि मतदान में अब महज तीन दिन बचे हैं, ऐसे में एक तस्वीर यह देखने को मिल रही है। इसका असर पूरे चुनाव पर पड़ सकता है।
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