Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र में लाड़की बहिण ने महाविकास अघाड़ी को साफ तौर पर खारिज कर दिया, जिसका असर महिला उम्मीदवारों पर भी पड़ा। महाविकास अघाड़ी की 28 महिला उम्मीदवारों में से केवल एक महिला विधानसभा पहुंच सकीं, जबकि महायुति की 20 महिला विधायक विधायक बनीं।
महायुति की 20 महिला पहुंची विधानसभा
विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में शामिल बीजेपी ने 148 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें 17 महिलाएं थीं। इन 17 महिलाओं में से 14 विधान सभा के लिए चुनी गईं। शिवसेना ने 85 उम्मीदवारों में से 7 महिलाओं को मैदान में उतारा था, जिनमें से 2 महिलाओं को विधान सभा में जाने का मौका मिला, जबकि अजीत पवार की पार्टी एनसीपी ने 55 उम्मीदवारों में से 5 महिलाओं को मैदान में उतारा था, जिनमें से 4 महिलाएं चुनी गईं। महाविकास अघाड़ी ने 29 महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा था, जिनमें से 20 महिलाएं निर्वाचित हुईं।
कांग्रेस ने उतारे सात महिला उम्मीदवार
महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाने का दावा करने वाली महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस ने 102 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे, जिनमें से सिर्फ 7 महिलाओं को मौका दिया गया। हालांकि, जनता ने धारावी से एकमात्र महिला उम्मीदवार ज्योति गायकवाड़ को विधानसभा भेजा। ज्योति कांग्रेस मुंबई अध्यक्ष सांसद वर्षा गायकवाड़ की बहन भी हैं। शिवसेना ने 95 सीटों में से केवल 10 महिलाओं को चुनाव लड़ाया लेकिन दुर्भाग्य से एक भी महिला को मतदाताओं ने स्वीकार नहीं किया। शरद पवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस गुट ने 86 में से 11 महिलाओं को मैदान में उतारा लेकिन मतदाताओं ने सभी महिला उम्मीदवारों को खारिज कर दिया।
पूर्व विधायक हारी
तिवसा विधानसभा क्षेत्र से वरिष्ठ कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर, मीरा-भायंदर से निर्दलीय विधायक गीता जैन, भायखला निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना की यामिनी जाधव, अंधेरी पूर्व से शिवसेना उबाठा की रितुजा लटके को मतदाताओं ने खारिज कर दिया।
पिछली विधानसभा में थीं 24 महिला विधायक
विधानसभा चुनाव में कुल 363 महिलाएं अपनी किस्मत आजमा रही थीं लेकिन सभी की किस्मत ने साथ नहीं दिया और केवल 21 महिलाओं को विधायक बनाकर विधानसभा भेजा। पिछले 2019 के चुनाव में 235 महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरीं, जिनमें से 24 महिलाएं विधायक बनीं थीं।