Maharashtra Assembly Elections: ‘एक घर से दो उम्मीदवार’ महायुति में परिवारवाद!

महाविकास अघाड़ी में दो दलों कांग्रेस-शिवसेना उबाठा के बीच सीट बंटवारे को लेकर विवाद शुरू हो गया है, वहीं महयुति में परिवारवाद का बोलबाला दिखने को मिल रहा है।

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सुजीत महामुलकर
Maharashtra Assembly Elections: महाविकास अघाड़ी में दो दलों कांग्रेस-शिवसेना उबाठा के बीच सीट बंटवारे को लेकर विवाद शुरू हो गया है, वहीं महयुति में परिवारवाद का बोलबाला दिखने को मिल रहा है। ‘एक घर में दो उम्मीदवार’ कैसे दें, यह सिरदर्द बनने लगा है। अब यह देखना दिलचस्प है कि महायुति इसका क्या और कैसे समाधान करती है।

एक नया ‘नैरेटिव सेट’
हालांकि नगर जिले में विखे-पाटिल परिवार का दबदबा है, लेकिन मई 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में विखे परिवार के सुजय को हार का स्वाद चखना पड़ा। लगता है अब सुजय ने अपना कदम लोकसभा से विधानसभा की ओर बढ़ा दिया है। लेकिन शिर्डी विधानसभा क्षेत्र से सुजय के पिता राधाकृष्ण विखे पाटील विधायक हैं और वह फिर से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। सुजय ने संगमनेर निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के बालासाहेब थोराट के खिलाफ लड़ने की  तैयारी की है। इस बीच, यह पता चला है कि पार्टी ने सुजय को विधानसभा का टिकट दिए बिना उन्हें अलग तरीके से पुनर्वास करने का वादा किया है, क्योंकि एक ही घर में दो उम्मीदवार देने से राज्य में एक अलग तरह का ‘नैरेटिव सेट’ होगा।

राणे का वंशवाद
सिंधुदुर्ग-रत्नागिरी लोकसभा क्षेत्र के सांसद नारायण राणे के बेटे, कांकावली के भाजपा विधायक नितेश राणे और पूर्व सांसद नीलेश राणे विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। कहा जा रहा है कि नितेश कांकावली से और नीलेश कुडाल सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे। इससे बीजेपी के लिए परेशानी खड़ी हो गई है और राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि नीलेश को शिवसेना (शिंदे) की पार्टी से मैदान में उतारने की तैयारी की जा रही है, लेकिन अगर पार्टी बदलती है तो भी दोनों उम्मीदवार महायुति के ही होंगे। इसलिए अगर विपक्षी दल की ओर से प्रचार में ‘वंशवाद’ का मुद्दा उठाया गया तो महायुति को झटका लगने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

 एनसीपी शरद चंद्र पवार में संदीप नाइक
नवी मुंबई में भी ऐरोली से बीजेपी विधायक गणेश नाइक अपने बेटे संदीप नाइक के लिए बेलापुर सीट से बीजेपी की उम्मीदवारी चाहते हैं। हालांकि, ‘एक घर में एक उम्मीदवार’ के आधार पर, यह भी समझा जाता है कि उन्हें पार्टी द्वारा ऐरोली से एक ही टिकट देने का वादा किया गया है। इसलिए जिले में चर्चा है कि संदीप नाइक राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार) में शामिल होकर बेलापुर से चुनावी मैदान में उतरेंगे।

विवाद बढ़ने से पहले ही शांत हो गया
ऐसा ही विवाद महायुति के घटक दल अजित पवार की पार्टी एनसीपी में भी देखने को मिलने के संकेत मिल रहे हैं। निवर्तमान मंत्री छगन भुजबल ने लोकसभा में अपने बेटे समीर के लिए जोर लगाया, लेकिन दिल्ली में भाजपा नेतृत्व ने समीर की उम्मीदवारी को खारिज कर दिया। इसलिए, शायद विधानसभा चुनाव में इस शर्मिंदगी से बचने के लिए, महायुति ने राज्यपाल द्वारा नियुक्त सात विधायकों में छगन भुजबल के भतीजे पंकज को नियुक्त करके विवाद को बढ़ने से पहले ही शांत कर दिया।

मुंबई में भी ऐसा ही विवाद
भले ही भुजबल परिवार का विवाद सुलझ गया हो, लेकिन एनसीपी के एक अन्य नेता अणुशक्ति नगर के विधायक नवाब मलिक और उनकी बेटी सना के भी विधानसभा में दिलचस्पी लेने की खबर है। चर्चा है कि नवाब मलिक अणुशक्ति नगर से फिर से किस्मत आजमाने की तैयारी में हैं और उनकी बेटी सना चेंबूर सीट से उम्मीदवारी पाने की कोशिश कर रही हैं।

पार्टियां अलग-अलग होने पर भी लोग देंगे समर्थन?
चर्चा है कि महायुति के दूसरे घटक दल युवा स्वाभिमान पक्ष के प्रमुख रवि राणा के घर से ही दो उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से युवा स्वाभिमान पार्टी के विधायक रवि राणा के अपनी ही पार्टी से महायुति के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की संभावना है, जबकि उनकी पत्नी नवनीत राणा, जो लोकसभा में चुनाव हार चुकी हैं। अमरावती से चुनाव लड़ सकती हैं। हालांकि ये दो अलग-अलग पार्टियां हैं लेकिन महायुति का हिस्सा होने के नाते जनता इन्हें कितना समर्थन देगी ये तो वक्त ही बताएगा।

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