Maharashtra Assembly polls: मोदी फैक्टर से मविआ चित, महायुति की जीत?

महायुति ने ओबीसी और एसटी वोट बैंक को लुभाने की रणनीति बनाई है, जबकि महा विकास अघाड़ी ने मराठा और मुस्लिम समुदाय के मुद्दों को जोर-शोर से उठाया है।

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-अमन दुबे

Maharashtra Assembly polls: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव प्रचार (Assembly election campaign in Maharashtra) के दौरान राजनीतिक दलों (political parties) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। चुनाव प्रचार में मुख्य मुद्दे आरक्षण, किसान कल्याण, बेरोजगारी और बुनियादी ढांचे का विकास हैं।

महायुति ने ओबीसी और एसटी वोट बैंक को लुभाने की रणनीति बनाई है, जबकि महा विकास अघाड़ी ने मराठा और मुस्लिम समुदाय के मुद्दों को जोर-शोर से उठाया है।

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प्रचार में जुटे स्टार प्रचारक
महायुति में शामिल दलों ने विधानसभा चुनाव के प्रचार, रैलियों और बैठकों के लिए अपने स्टार नेताओं को मैदान में उतारा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के अन्य प्रमुख नेता प्रचार में शामिल हैं। वहीं, महा विकास अघाड़ी के राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। इन गठबंधनों के आंतरिक मुद्दे और रणनीतियां भी अभियान को प्रभावित कर रही हैं।

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पीएम मोदी की नौ चुनावी प्रभावी सभा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए नौ प्रमुख जगहों पर प्रचार किया। उन्होंने धुले में अपनी पहली रैली की, उसके बाद नासिक, अकोला, नांदेड़, चिमूर (चंद्रपुर), सोलापुर, छत्रपति संभाजीनगर, रायगढ़ और मुंबई में सभाएं कीं। पुणे में भी रोड शो का आयोजन किया गया। ये रैलियां 8 से 14 नवंबर के बीच हुईं और भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के समर्थन में जनता को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी की ये चुनावी सभाएं महाविकास आघाड़ी पर भारी पड़ती दिख रही हैं। वर्तमान परिदृश्य का आकलन करें तो चुनाव में महायुति की जीत स्पष्ट रूप से दिख रही है। हालांकि अंतिम फैसला 23 नवंबर को मतगणना के साथ होगा।

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लोकसभा चुनाव में स्थिति
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, मोदी की रैलियों से महायुति को बढ़त मिलने की उम्मीद है। हालांकि, लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की रैलियों का ज्यादा असर नहीं हुआ था। एक बार फिर इस चुनाव में उनकी लोकप्रियता और जनसंपर्क क्षमताओं का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए किया गया है। हालांकि, चुनाव परिणाम महायुति के भीतर एकता, स्थानीय मुद्दों और विपक्षी महा विकास अघाड़ी की रणनीतियों पर भी निर्भर करेगा।

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‘मविआ की विकास पर रोक लगाने में पीएचडी’
प्रधानमंत्री ने कहा, ”मैं महाराष्ट्र भाजपा को भी बधाई दूंगा, जिसने बहुत ही शानदार संकल्प पत्र जारी किया है। इस संकल्प पत्र में महिलाओं, हमारे किसान भाई-बहनों, युवा शक्ति और महाराष्ट्र के विकास के लिए अनेक अद्भुत संकल्प लिए गए हैं।” पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार और महाराष्ट्र में महायुति की सरकार विकास की डबल स्पीड है। विकास की ये डबल स्पीड महाराष्ट्र के लोगों ने पिछले 2.5 साल में देखी है। महाराष्ट्र का तेज विकास महा विकास अघाड़ी के लोगों के हाथ में नहीं है। महा विकास अघाड़ी के लोगों ने विकास पर ब्रेक लगाने में पीएचडी की है। कांग्रेस के लोगों ने काम को रोकने, लटकाने और गुमराह करने में डबल पीएचडी की है।

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‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर आदिवासी समाज जातियों में बंट गया तो उसकी पहचान और ताकत खत्म हो जाएगी। कांग्रेस के शहजादे ने खुद विदेश जाकर इसका ऐलान किया है। इसलिए “मैं कहता हूं कि हमें कांग्रेस की इस साजिश का शिकार नहीं होना चाहिए, हमें एकजुट रहना होगा। इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं कि अगर हम एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे”।

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वीर सावरकर से माफी मांगे मविआ
मुंबई के दादर स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क में आयोजित महायुति की रैली के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लोग वीर सावरकर का अपमान करते हैं, “मैं मविआ के लोगों से कहता हूं कि वे कांग्रेस के ‘युवराज’ के साथ बैठें और उनसे कहें कि अगर महाराष्ट्र में चुनाव जीतना है तो वीर सावरकर को गाली देना बंद करें। मैं मविआ के दलों को चुनौती देता हूं कि वे अपने एक भी नेता से वीर सावरकर के त्याग और समर्पण की प्रशंसा करवाएं। कांग्रेस का एक भी नेता सावरकर की प्रशंसा करने की हिम्मत नहीं कर सकता।”

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मविआ के लोग तुष्टीकरण के गुलाम
पीएम ने कहा, ”महा विकास अघाड़ी के लोग तुष्टीकरण के गुलाम बन गए हैं। ये वही अघाड़ी हैं जो राम मंदिर का विरोध करते हैं, वोट पाने के लिए भगवा आतंकवाद शब्द गढ़ते हैं, कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वापसी के लिए प्रस्ताव पारित करते हैं।” उन्होंने कहा कि आज महाराष्ट्र में एक तरफ महायुति की विचारधारा है, जिसे यहां की विरासत पर गर्व है। दूसरी तरफ महा विकास अघाड़ी की सोच भी है, जो महाराष्ट्र के गौरव का लगातार अपमान कर रही है।

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मोदी जीत का चेहरा
राजनीतिक विशेषज्ञ ने कहा, महाराष्ट्र में महायुति की जीत का फैक्टर पीएम मोदी का चेहरा है। उनकी उपस्थिति, केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाएं और महाराष्ट्र सरकार की योजनाएं हैं। इनमें लाडली बहना योजना, 44 लाख किसानों के लिए बिजली माफी और व्यक्तिगत रूप से जनता को लाभ पहुंचाने वाली 58 पहल शामिल हैं। महायुति गठबंधन का उद्देश्य महाराष्ट्र के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करना है। राज्य में फिर से डबल इंजन की सरकार बनेगी।

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20 नवंबर को चुनाव, 23 को मतगणना
महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर एक ही चरण में मतदान होगा। चुनाव आयोग ने मतदान की तारीख 20 नवंबर और मतगणना की तारीख 23 नवंबर तय की है। मतदान की तैयारियों को अंतिम रूप देने के साथ ही राजनीतिक दलों ने प्रचार अभियान भी तेज कर दिया है।

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