दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन:
महाकुंभ को मानवता का सबसे बड़ा मेला माना जाता है, जिसमें करोड़ों लोग एक साथ शामिल होते हैं।
हर 12 साल में क्यों होता है आयोजन?महाकुंभ का आयोजन ग्रहों की विशेष स्थिति, खासकर सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति के संयोग के आधार पर किया जाता है।
चार पवित्र स्थान:
यह प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में बारी-बारी से आयोजित होता है।
अमृत से जुड़ी मान्यता:
मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान अमृत की बूंदें इन चार स्थानों पर गिरी थीं, जिससे ये पवित्र बन गए।
आधुनिक समय का गिनीज रिकॉर्ड:
प्रयागराज में 2013 के महाकुंभ में 30 मिलियन से अधिक लोग एक ही दिन में शामिल हुए, जो एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
प्राचीन ज्ञान का केंद्र:महाकुंभ केवल स्नान का अवसर नहीं है, बल्कि यहां ज्ञान, दर्शन और धार्मिक चर्चाओं का आयोजन भी होता है।
साधुओं की अनूठी परंपराएं:
महाकुंभ में नागा साधु, अवधूत और किन्नर अखाड़ों के साधु विशेष आकर्षण का केंद्र होते हैं।
कुंभ शब्द का अर्थ:
‘कुंभ’ का अर्थ होता है घड़ा। यह अमृत कलश को दर्शाता है, जो देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान बना था।
जल का वैज्ञानिक महत्व:
मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान इन पवित्र नदियों का पानी अमृत तुल्य बन जाता है। वैज्ञानिकों ने भी इसे शुद्ध और औषधीय गुणों से युक्त पाया है।
शाही स्नान का महत्व:
अखाड़ों के साधु पहले शाही स्नान करते हैं, जिसके बाद आम श्रद्धालु को स्नान का अवसर मिलता है। इसे आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।