हलवा सेरेमनी: बजट से कुछ दिन पहले वित्त मंत्री हलवा खिलाकर मुंह मीठा कराती हैं। इसके साथ ही 'लॉक इन पीरियड' शुरू हो जाता है।
ब्रीफकेस का चलन बंद: आजादी के पहले से 2018 तक बजट को चमड़े के ब्रीफकेस में रखकर संसद में लाया जाता था।
लाल पोटली: 2019 में सीतारमण ने लाल कपड़े में लिपटे बहीखाता को पेश किया, तब से यही जारी है।
पेपरलेस बजट: पहले बजट प्रिंट होता था, लेकिन कोविड के दौरान इसे मेड इन इंडिया टैब से पेश किया जाने लगा।
तारीख बदली: पहले बजट फरवरी की आखिरी तारीख यानी 28 या 29 फरवरी को पेश होता था। 2017 से यह 1 फरवरी को पेश किया जाता है।
रेल बजट को आम बजट में मिलाया: पहले रेल बजट और आम बजट अलग-अलग दिन पेश होता था। 2027 में रेल बजट को आम बजट का हिस्सा बना दिया।
समय बदला: अंग्रेजी से शासन से लेकर 2000 तक बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था। 2001 में पहली बार अटल सरकार में बजट सुबह 11 बजे पेश किया गया, तब से सुबह 11 बजे ही पेश होने लगा।