क्या आपको पता है, गणपति बप्पा को जासवंद का फूल और दूर्वा क्यों चढ़ाया जाता है?
शक्ति का प्रतीक: जासवंद, या लाल हिबिस्कस, भगवान गणेश की शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है। इसका लाल रंग उनकी शक्ति को दर्शाता है, जिससे पूजा में शक्ति और उत्साह का संचार होता है।
प्रसन्नता का संकेत: गणपति बाप्पा को जासवंद चढ़ाने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
पवित्रता का प्रतीक: दूर्वा, जो तीन पत्तियों वाली घास होती है, पवित्रता और समर्पण का प्रतीक है। इसे चढ़ाने से पूजा की शुद्धता बनी रहती है।
समृद्धि और शांति: दूर्वा चढ़ाने से जीवन में शांति और समृद्धि का आगमन होता है, और सभी विघ्न दूर होते हैं।
सुख-शांति की प्राप्ति: गणपति बाप्पा को जासवंद और दूर्वा चढ़ाने से भक्तों को सुख-शांति की प्राप्ति होती है और परिवार में सामंजस्य बना रहता है।
पारंपरिक महत्व: यह पूजा का एक पारंपरिक हिस्सा है, जो गणेश उत्सव के धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल है।
धार्मिक अनुष्ठान: जासवंद और दूर्वा की पूजा से गणेश जी के अनुष्ठान सही तरीके से संपन्न होते हैं, और वे भक्तों की प्रार्थनाओं को सुनते हैं।