श्री कृष्ण जन्माष्टमी विभिन्न राज्य में किस तरह से मनाया जाता है चलिए डालते है एक नज़र- 

महाराष्ट्र: 'दही हांडी' की परंपरा महाराष्ट्र में भी प्रचलित है, जहाँ 'गोविंदा' नामक समूह ऊँचाई पर लटकी हुई हांडी (घड़ा) को तोड़ने के लिए मानव पिरामिड बनाते हैं।

पंजाब और हरियाणा: इन राज्यों में जन्माष्टमी को 'रास लीला' के साथ मनाया जाता है, जहाँ लोग भगवान कृष्ण के गोपियों के साथ चंचल नृत्य का चित्रण करते हैं।

राजस्थान: राजस्थान में जन्माष्टमी को 'फूलों की होली' के साथ मनाया जाता है, जहाँ पारंपरिक पानी और रंगों के बजाय फूलों और रंगीन पाउडर का उपयोग किया जाता है।

बंगाल: पश्चिम बंगाल में जन्माष्टमी को 'जन्माष्टमी' और 'नंद उत्सव' के रूप में मनाया जाता है। भक्त भगवान कृष्ण के जन्म के समय आधी रात तक उपवास रखते हैं और फिर अपना उपवास तोड़ते हैं।

तमिलनाडु और केरल: दक्षिणी राज्यों में जन्माष्टमी को 'गोकुलाष्टमी' के रूप में मनाया जाता है। भक्त 'सीदाई' और 'मुरुक्कू' जैसी कई तरह की मिठाइयाँ और नमकीन बनाते हैं।

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चाहे आप किसी भी राज्य में जाएं, कृष्ण के प्रति भक्ति और श्रद्धा का केंद्रीय विषय पूरे देश में एक जैसा ही है। जन्माष्टमी हमेशा से ही एक जीवंत और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध त्यौहार रहा है।