नाक की नथुनी: फैशन ही नहीं, सेहत के लिए भी फायदेमंद!
नाक की नथुनी: के पारंपरिक महत्वनाक की नथुनी भारत में प्राचीन समय से स्त्रियों के आभूषणों का हिस्सा रही है। इसे सौंदर्य, परंपरा और सामाजिकमान्यता से जोड़ा जाता है। आयुर्वेद और एक्यूप्रेशर में भी नाक छिदवाने के लाभ बताए गए हैं।
नाक की नथुनी के प्रकार - स्टड (Stud) छोटी, सिंगल स्टोन या बिना स्टोन की सिंपल नोज़ स्टड। यह सोने, चांदी, डायमंड या अन्य धातु में मिलती है। रोज़ाना पहनने के लिए आरामदायक और क्लासिक लुक देता है।
नाक की नथुनीके प्रकार - हूप (Hoop) हल्के और छोटे से लेकर बड़े साइज में उपलब्ध गोलाकार रिंग। यह अधिक फैशनेबल और ट्रेंडी लुक देता है। विशेष रूप से युवाओं के बीच लोकप्रिय।
नाक की नथुनी के प्रकार - नथ (Nath) यह भारतीय विवाह और पारंपरिक आयोजनों में पहनी जाती है। बड़े साइज की होती है और चेन के साथ कान से जुड़ी होती है। महाराष्ट्रीयन, राजस्थानी, बंगाली आदि शैलियों में अलग-अलग डिज़ाइन मिलती हैं।
नाक छिदवाने के वैज्ञानिक लाभ आयुर्वेद के अनुसार, नाक छिदवाने से मासिक धर्म से जुड़े दर्द में राहत मिलती है। एक्यूप्रेशर के अनुसार, यह प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर करता है। मानसिक शांति और बेहतर एकाग्रता में मदद करता है। नाक के बाएं हिस्से में छेद करवाना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
नोज़ रिंग सिर्फ सौंदर्य नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है। स्टाइल और परंपरा को साथ में अपनाने का अनोखा तरीका। आप कौन सी नोज़ रिंग पहनना पसंद करेंगी?