कारगिल विजय दिवस हम सभी को उस भयानक युद्ध की याद दिलाता है जिसमें भारत ने विजय प्राप्त की, लेकिन इस युद्ध में हमने नायक विक्रम बत्रा सहित अपने 527 सैनिकों को खो दिया।

यह युद्ध वर्ष 1999 के मई महीने में शुरू हुआ था जब पाकिस्तानियों ने जम्मू-कश्मीर के कारगिल में घुसपैठ की थी।

इस संघर्ष को भारत में ऑपरेशन विजय भी कहा जाता है। इस युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा का अहम रोल माना जाता है।

वो कारगिल युद्ध के दौरान हुतात्मा हो गए थे। कैप्टन विक्रम बत्रा जम्मू कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन में एक कप्तान के रूप में कार्यरत थे।

विक्रम बत्रा ने युद्ध में अच्छा प्रदर्शन किया था, वो लगातार जीत हासिल कर रहे थे। इसी बीच 7 जुलाई 1999 पर उन्हें एक अहम चोटी 5140 पर कब्जा करने के लिए ऑपरेशन चलाना था।

इस ऑपरेशन के लिए विक्रम बत्रा को ही आगे रखा गया था। इस ऑपरेशन के दौरान उनकी टीम को दुश्मनों की भारी गोलीबारी का सामना करना पड़ा।

खतरा बहुत ज्यादा था, लेकिन फिर भी उन्होंने सामने से अपने सैनिकों का नेतृत्व किया और रणनीतिक चोटी पर सफलतापूर्वक कब्जा करन में कामयाब हो गए।

विक्रम बत्रा के बारे में कहा जाता है कि वो हमेशा ‘ये दिल मांगे मोर…’ का नारा लगाते थे।

उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से भी सम्मानित किया गया था. वो कारगिल युद्द में ये प्रतिष्ठितपुरस्कार पाने वाले पहले सैन्यकर्मी भी थे।