प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान राम की मूर्ति की अलौकिक  तस्वीरे सोशल मीडिया पर हुई थी वायरल

ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठा रहा है कि रामलला की मूर्ति काली या श्यामल क्यों हैं?

रामलला की मूर्ति का निर्माण शिला पत्थर से हुआ है। इस काले पत्थर को कृष्ण शिला भी कहा जाता है। इस वजह से भी रामलला की  मूर्ति श्यामल है|

जब रामलला का दूध से अभिषेक होगा तो दूध के गुण में पत्थर की वजह से कोई बदलाव नहीं होगा ऐसा माना जा रहा है|

उस दूध का उपभोग करने पर स्वास्थ्य पर कोई गलत असर नहीं होगा साथ ही साथ ये हजार से भी अधिक वर्षों तक यूं ही रहेगा अर्थात इस मूर्ति में कोई बदलाव नहीं होगा।

इसके अलावा वाल्‍मीकि रामायण में भगवान राम के स्वरूप को श्याम वर्ण में ही वर्णित किया गया है जिससे ये रामलला की मूर्ति का रंग श्यामल है। साथ ही रामलला का श्यामल रूप में ही पूजन किया जाता है।

22 जनवरी 2024 को पीएम मोदी मुखदर्शन करेंगे तब वह भगवान राम की आंखों में सोने की सुई से काजल लगाएंगे। इसके बाद अभिषेक प्रक्रिया में प्रतीकात्मक और पवित्र क्षण को चिह्नित करते हुए एक दर्पण रखा जाएगा।